
विद्यालय को विद्यालय ही रहने दीजिए सर जी
शिक्षक उस विद्यालय का सरताज है ,जो मासूम को निष्पक्ष तरीके के संसार के योग्य नागरिक के साथ ज़िम्मेदार बना राष्ट्र सहित मानव संसाधन के विकास में भूमिका अदा करता है
आपके एनजीओ , सविदा, व शिक्षा से दूर रहने वाले चापलूस अधिकारी ए सी कमरा पर बैठकर जिला प्रदेश ब्लॉक में विद्यालय को प्रयोगशाला बनाकर बच्चों पर प्रयोग करना घातक सिद्ध कर दिया
और दोष सिर्फ शिक्षक पर , पूरे शिक्षक समाज को निकम्मा कह देना अपमान , आपके बयान का गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छ ग कड़ी निंदा करती हैं
संगठन के प्रांताध्यक्ष कृष्णकुमार नवरंग ने प्रमुख सचिव शिक्षा आलोक सुक्ला के बयान शिक्षक को निकम्मा कहने की निंदा कर शिक्षक समाज से माफ़ी मांगने की मांग करती हैं ।श्री नवरंग ने प्रमुख सचिव के बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि राज्य के 56 हजार तीन सौ तीन शालाये में 56.77लाख विद्यार्थियों को एक लाख 77 हजार शिक्षक दुर्गम ,जगहों पर नदी नाले पार कर जीवन को विपरीत परिस्थितियों में भी रहकर अध्ययन कराते है ।। ये वही शिक्षक हैं जो कोरोना काल मे मृत्यु के समीप रखकर अध्ययन करने में सहभागी बनकर ,सेवकों के रुप में ड्यूटी किया ।
शिक्षक शिक्षा के साथ साथ राज्य सरकार के 56 विभागों के काम योजना को गॉव तक पहुचाने ,क्रियान्वयन कराती हैं जिस दिन यह काम बंद कर देगी सरकार की योजना ठप पड़ जायेगा ।
शिक्षा पर सरकार का बजट सत्र ,2020, 2021 में 1407505.32लाख रुपये के प्रावधान में शिक्षकों के लिए आज भी प्रमोशन ,नियुक्ति ,क्रमोन्नत ,समयमान वेतनमान के साथ महँगाई भत्ता से वंचित हैं और बजट का लगभग 60 प्रतिसत हिस्सा आपके इर्द गिर्द घूमने वाले ngo खर्च करती है ,जिनके परामर्श पर आप विद्यालय ,व विद्यार्थियों को प्रयोगशाला बनाकर हर 15 दिन में प्रयोग कर बजट को खर्च करने में लगा देते है ,आपके बजट से कुछ बची राशि को जिला मुख्यालय के अधिकारियों के प्रयोग में खर्च करने प्रयोग किया जाता हैं
ब्लाक ,हायर सेकंडरी हाई स्कूल ,प्राथमिक ,माध्यमिक विद्यालय सिर्फ दबाव पूर्वक आपके प्रयोग को मजबूरी से अमल कराती हैं
शिक्षक को शिक्षा हेतू फ़्री कर दीजिए ,शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की जिम्मेदारी हमारी होगी
शिक्षक आज सुबह 9 बजे से निकल शाम। 5बजे घर वापसी कर आपके 70 से अधिक प्रयोग का क्रियान्वयन करती हैं
जबकि सरकार के शिक्षा विभाग के विद्यालयों को छोड़ 55 दूसरे विभाग में कार्यरत कर्मचारियों अधिकारी को सप्ताह में सिर्फ पांच दिन काम सुबह 10 बजे से 5 के बीच काम कर दो दिवस का अवकास मिलता है साथ ही घर के समय में ऑनलाइन मीटिंग ,में देर रात तक काम जुड़ना होता है
सरकार के शीर्ष पद में बैठ एक जिम्मेदारी के बतौर शिक्षक की गरिमा को बढ़ाने वाली प्रयास के बजाय निकम्मा कह ,शिक्षक की गरिमा को गिराने में लग गए ।वही अन्य विभाग के ब्लॉक ,जिला ,प्रान्त के अधिकारी अपने अधीनस्थ को अवसर देकर सम्मानित पूर्वक बचाने में आतुर रहता है
वही आपके अधीनस्त ब्लॉक जिला व प्रान्त के अधिकारी शिक्षक के शिकायत सुनने कार्यवाहियों को अंजाम देने दरवाजे में खड़ा हो शिकायत का इंतजार करते हैं और बिना अवसर दिए सीधे कार्यवाही करने से हिचकते नही ।फिर भी शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने लगातार सक्रिय हैं
गवर्नमेंट एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ ऐसे खुदके दामन में दाग से लिप्त शीर्ष नेतृत्वकरने वाली अधिकारी की संविदा को समाप्त कर विश्राम देने की मांग मा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कर पुनः निकम्मा कहने वाले अधिकारी के बयान की निंदा करती हैं ।
कृष्णकुमार नवरंग
प्रांताध्यक्ष
गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छ ग
मो 7898154376