मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 28 दिसंबर से शुरू होगा। सरकार के प्रस्ताव पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सत्र बुलाने की अनुमति दी है। नोटीफिकेशन होते ही विस्तृत कार्यक्रम जारी हो जाएगा। विधानसभा का नया अध्यक्ष चुना जाएगा। साथ ही, लव जिहाद को लेकर लाए जा रहे नए धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 पर चर्चा होगी। इस सत्र के दौरान उपचुनाव में जीते हुए 28 विधायकों की शपथ होगी।
सत्र में वित्त विभाग, सरकार के बजट का अनुपूरक अनुमान सदन में पेश कर सकता है। इससे पहले 21 सितंबर को एक दिन का सत्र हुआ था। उसमें सरकार ने मध्य प्रदेश विनियोग विधेयक 2020 के साथ मध्यप्रदेश साहूकार संशोधन विधेयक 2020 और अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति विधेयक 2020 पारित कराया था।
विधानसभा सचिवालय एक बार फिर बढ़ते कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर सत्र की तैयारी कर रहा है। इससे पहले 21 सिंतबर को एक दिन का सत्र हुआ था। जिसमें सरकार ने मध्य प्रदेश विनियोग विधेयक 2020 के साथ मध्यप्रदेश साहूकार संशोधन विधेयक 2020 व अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति विधेयक 2020 पारित कराया था।
हो सकता है विंध्य से विधानसभा अध्यक्ष :
विधानसभा अध्यक्ष का पद विंध्य क्षेत्र को मिल सकता है। हालांकि यह निर्णय मुख्यमंत्री की सहमति से संगठन स्तर पर होना है। मंत्रिमंडल में विंध्य का प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण यह संभावना प्रबल है कि विधानसभा अध्यक्ष इस इलाके से बने। यहां से भाजपा के वरिष्ठ विधायक केदार शुक्ला, गिरीष गौतम और नागेंद्र सिंह हैं।
हालांकि मंदसौर से वरिष्ठ विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया की भी दावेदारी है। अभी विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) रामेश्वर शर्मा हैं। दलीय स्थिति के हिसाब से भाजपा का अध्यक्ष बनना तय है। उपाध्यक्ष को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है, क्योंकि कांग्रेस के समय सहमति नहीं बनने के कारण दोनों पद के लिए चुनाव हुए थे।
उपचुनाव के बाद विधानसभा में दलीय स्थिति : कुल सदस्य संख्या- 230
भाजपा- 126, कांग्रेस- 96, बसपा- 2, सपा-1, निर्दलीय-4, रिक्त- 1