कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में डिग्री का बंदरबांट,प्रशासन नही ले रहा सुध

डॉक्टर नरेंद्र त्रिपाठी विभागाध्यक्ष इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, की धर्मपत्नी वर्तमान शैक्षणिक सत्र में एमएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अध्ययनरत है. नियमानुसार धर्म पत्नी के छात्र होने के कारण श्री त्रिपाठी को स्वयं को परीक्षा कार्य से पृथक कर लेना था, लेकिन त्रिपाठी परीक्षा के पेपर सेटर, मॉडरेटर और सब कुछ है. यह नियमों का गंभीर उल्लंघन है उन पर आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए. यह प्रकरण विश्वविद्यालय प्रबंधन के जानकारी में है लेकिन रजिस्ट्रार साहब की मेहरबानी से कोई कार्यवाही नहीं की गई. डॉक्टर नरेंद्र त्रिपाठी पर विश्वविद्यालय प्रबंधन इतना मेहरबान है कि डॉक्टर त्रिपाठी केवल सहायक प्राध्यापक होने पर भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग अध्यक्ष, रेडियो स्टेशन का प्रभार, टीवी स्टूडियो का प्रभार, प्रबंधन विभाग अध्यक्ष का दायित्व, रूसा इंचार्ज, हॉस्टल वार्डन और तो और कुछ दिनों पूर्व रजिस्ट्रार के अवकाश में होने के दौरान इन्हें प्रभारी कुलसचिव भी बनाया गया था. अब देखना यह है ऐसे गंभीर मामले में राज्यशासन राजभवन और विद्यालय प्रबंधन क्या कार्यवाही करता है.


वैसे मामला है तो निलंबन और जांच कराने लायक लेकिन विश्वविद्यालय के कमाऊ पूत होने के कारण किसी कार्यवाही की संभावना शुन्य है. आखिर बंदा पैसे ही नहीं,दिगर चीजों का भी मैनेजर है.

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