छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विधायक शैलेश पांडेय और कलेक्टर सारांश मित्तर आमने-सामने हो गए हैं. विधायक पांडेय ने कलेक्टर मित्तर पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करने के साथ-साथ उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है. इस संबंध में उन्होंने सीएम भूपेश बघेल को चिट्ठी लिखी है. इस लेटर में विधायक ने आरोप लगाया है कि कलेक्टर ने जनता प्रतिनिधी का अपमान किया है. चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
राज्योत्सव में नहीं किया आमंत्रित
विधायक शैलेष पांडेय ने कलेक्टर पर आरोप लगाया है कि उन्हें राज्योत्सव में इन्वाइट नहीं किया गया, उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है. कलेक्टर पर उन्होंने तानाशाही का भी आरोप लगाया है. सीएम बघेल को लिखे लेटर में एमएलए ने कहा कि बिलासपुर कलेक्टर डॉ. सांराश मित्तर आपकी सरकार और निर्वाचित जन प्रतिनिधियों का लगातार अपमान कर रहे हैं. ये मेरे साथ जनता का भी अपमान है.
‘दूसरे जिलों में सम्मान से बुलाया’
दरअसल एक नवंबर को छत्तीसगढ़ का राज्य स्थापना दिवस था. इस मौके पर सभी जिलों में इसको लेकर कार्यक्रम होना था. चीफ गेस्ट कौन बनेगा ये लिस्ट शासन द्वारा सभी जिलो में भेजी गई थी. वहीं जिले में दूसरे गेस्ट का सलेक्शन कलेक्टर को करना था. विधायक ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस के दिन सरकार और विपक्ष के विधायकों को भी इन्वाइट किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि दूसरे जिलों में जनता के प्रतिनिधियों को सम्मान के साथ आमंत्रित किया गया, लेकिन यहां नहीं.
‘जन प्रतिनिधी का अपमान यानी जनता का है अपमान’
विधायक पांडेय ने सीएम भूपेश बघेल को दिए गए पत्र में लिखा कि कलेक्टर ने जनप्रतिनिधी का अपमान करके सरकार का अपमान किया है जो राजद्रोह की श्रेणी में आता है. ऐसे अपमान करने से आपकी सरकार और चुने हुए जन प्रतिनिधियों की इमेज जनता के बीच अच्छी नहीं बन रही है.