Thursday, April 25, 2024

छ.ग./ राजधानी में सांसद का घेराव, किसानों की इस प्रमुख मांग पर सांसद सोनी रहे मौन…

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने किया सांसद सुनील सोनी का घेराव

रायपुर : केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित किए गए किसान विरोधी काले कानून के खिलाफ छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने आज रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद सुनील सोनी का घेराव किया. महासंघ से जुड़े 25 संगठनों के प्रतिनिधि इस घेराव में शामिल हुए. घेराव के पूर्व तेलीबांधा तालाब के सामने किसान विरोधी कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. महासंघ ने सांसद सोनी को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी को अनिवार्य करने कानून बनवाने की मांग करते हुए संकल्प पत्र सौंपा.

महासंघ की ओर से महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य एवम अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के प्रदेश सचिव तेजराम विद्रोही ने किसान विरोधी तीनों कानूनों की चर्चा करते हुए सोनी से कहा कि भाजपा व प्रधानमंत्री जी गलत जानकारी देकर देश को गुमराह ना करें कि इन कानूनों से किसान आज़ाद हो जायेंगे, बल्कि यह कानून कारपोरेट हितैषी है और जमाखोरी को बढ़ावा देने वाला है. नयी राजधानी प्रभावित किसान कल्याण संघर्ष समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने सांसद सोनी से कहा कि यह कानून किसानों को कृषि उपज मंडी से दूर कर देगा और किसानों की जमीन कारपोरेट को बिकवा देगा.

महासमुंद जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर जुगुन चंद्राकर ने महासमुंद के किसानों को मंडी से मिल रहे फायदों को गिनाते हुए बताया मण्डी अधिनियम के वजह से व्यपारी का जमीन कुर्क होने वाला है मण्डी का कानून है तो किसान सुरक्षित हैं मण्डी में व्यवस्था सुधारने की जरूरत है और नया कानून बनाने की जरूरत नहीं है लेकिन भविष्य में बड़े कारपोरेट से किसान लड़ नही पाएंगे अतः कृषि उपज मंडी को ही मजबूत किया जाए.

अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति सदस्य पारसनाथ साहू ने मांग किया कि सरकार लिखित में दे किसानों को इस नए कानून से कोई घाटा नहीं होगा जबकि भाजपा के नेता ही बयान दे रहे हैं कि धान मंडी में रु 666 प्रति क्विंटल बिक रहा है. पूर्व जिला पंचायत सदस्य द्वारिका साहू ने सांसद सोनी से कहा कि जब केंद्र सरकार नोटबन्दी, जीएसटी आदि को लेकर दर्जनों बार संशोधन कर चुकी है तो इस नए कानून में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की अनिवार्यता को लेकर एक संशोधन करने प्रधानमंत्री क्यों तैयार नहीं है ?

किसानों के MSP को कानून बनाने की मांग पर मौन रह गये सोनी, संकल्प पत्र पर नहीं किया हस्ताक्षर

सांसद ने किसान नेताओं के तर्कों को सुनने के बाद उन्हीं तथ्यों को दुहराया जिसे सभी भाजपा नेता व मंत्री बोल रहे हैं. सोनी का कहना था कि इस कानून को लेकर कांग्रेस भ्रम फैला रही है, जबकि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में मंडी एक्ट में इसी तरह का सुधार करने का वादा किया था. सांसद के इस तर्क से किसान नेता भड़क गये.

कृषि वैज्ञानिक डॉ संकेत ठाकुर ने कहा कि किसानों को भाजपा-कांग्रेस की राजनीति से दूर रखा जाये. किसानों ने कभी इन तीनों कानून को लेकर कोई मांग नहीं की और ना ही कोई आंदोलन किया तो फिर यह आज़ादी कैसे हो गई? उन्होंने तो हमेशा ‘मंडी अधिनियम 1972’ को पालन करने की बात कही है. किसान अब इसमें चौथे कानून को जोड़ने की मांग कर रह रहे हैं कि एमएसपी को फसल खरीदी में अनिवार्य करें और इसको लागू कराने का संकल्प सांसद महोदय लें, लेकिन किसानों की इस प्रमुख मांग पर सांसद सोनी मौन रहे और पत्र को पढूंगा बोलकर हस्ताक्षर करना टाल गये.

लगभग 1 घण्टे तक हुए घेराव में तरह-तरह की चर्चा हुई, लेकिन कोई आश्वासन नहीं मिला. घेराव के पश्चात महासंघ के नेताओं ने बैठक की और तय किया कि अपनी मांगों को लेकर सभी 11 सांसदों से मिलेंगे. अब इसी कड़ी में महासमुंद के सांसद चुन्नीलाल साहू का घेराव 16 अक्टूबर 2 बजे उनके महासमुंद स्थित कार्यालय में किया जायेगा.

सांसद घेराव कार्यक्रम में प्रदेश अभिकर्ता एवम उपभोक्ता संघ अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण चंद्राकर, छत्तीसगढ़ी समाज प्रदेश अध्यक्ष मन्नूलाल टिकरिहा, पिछड़ा वर्ग अध्यक्ष सुबोध देव्, पिछड़ा समाज अध्यक्ष गिरधर मढ़रिया, गोविंद चन्द्राकर सहित अनेक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए.

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