औरंगाबाद (महाराष्ट्र) : महाराष्ट्र विधान परिषद की उप सभापति नीलम गोरे ने राज्य के मंत्री अनिल देशमुख और हसन मुशरिफ को पत्र लिखकर बीड जिले में बलात्कार की शिकायत करने वाली महिला का तीन ग्राम पंचायतों द्वारा ‘‘बहिष्कार’’ किए जाने के मामले पर गौर करने को कहा है।
राज्य के गृह मंत्री देशमुख एवं ग्रामीण विकास मंत्री मुशरिफ को तीन जनवरी को लिखे पत्र में गोरे ने कहा कि बीड में गेवराई तहसील की एक महिला के चार लोगों के खिलाफ बलात्कार की शिकायत करने के बाद पचेगांव, वसंत नगर तांडा और जयराम नाईक तांडा ग्राम पंचायतों ने उसके खिलाफ कार्रवाई की।
इन गांवों के लोगों ने स्थानीय पुलिस अधीक्षक के पास जाकर, उसकी शिकायत को नजरअंदाज करने की मांग भी की।
पत्र में, गोरे ने इन ग्राम पंचायतों में एक प्रशासक की नियुक्ति करने की और कानूनों का उल्लंघन कर महिला को बहिष्कृत किए जाने वाला एक प्रस्ताव पारित किए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में जिले के अधिकारी कैसे विफल रहे, इसकी जांच भी करने की मांग की है।
शिवसेना नेता ने पीड़ित महिला को सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग भी की।