Chhattisgarh Digest News Desk ; Edited by : Nahida Qureshi, Farhan Yunus.
काठमांडू. नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) और सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ के बीच मंगलवार को बातचीत हुई. पार्टी में जारी गतिरोध का समाधान करने के लिए छह सदस्यीय समिति द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद यह बैठक हुई है. हालांकि, दोनों शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत के ब्योरे का अभी खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन पार्टी की स्थायी समिति के सदस्य गणेश शाह ने कहा कि दोनों नेता शुक्रवार को पार्टी के केंद्रीय सचिवालय की बैठक आयोजित करने पर सहमत हुए.
नौ सदस्यीय इकाई दोनों शीर्ष नेताओं द्वारा बनाए गए कार्यबल की रिपोर्ट पर चर्चा करेगी. समिति ने 23 अगस्त को अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया था कि ओली को प्रधानमंत्री के रूप में पांच साल का कार्यकाल पूरा करने दिया जाए, जबकि पार्टी मामलों की पूरी कार्यकारी शक्ति कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड के पास रहे. मतभेदों को दूर करने के लिए ओली और प्रचंड के बीच इससे पहले लगभग एक दर्जन बैठकें हो चुकी हैं. प्रचंड ने ओली की भारत विरोधी टिप्पणियों को अनुचित करार देते हुए उनसे प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने को कहा था.
एनसीपी के वरिष्ठ नेता एवं स्थायी समिति के सदस्य गणेश शाह के मुताबिक समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि प्रधानमंत्री ओली को पूरे पांच साल तक सत्ता में बने रहना चाहिए, जबकि प्रचंड को पार्टी के कामकाज पर पूरी कार्यकारी शक्तियां मिलनी चाहिए. उल्लेखनीय है कि ओली जब ढाई साल पहले 2018 में प्रधानमंत्री बने थे तब उनके और प्रचंड के बीच यह सहमति बनी थी कि वे प्रधानमंत्री का पद बारी-बारी से साझा करेंगे. शाह ने कहा कि समिति ने सुझाव दिया है कि पार्टी के शीर्ष नेताओं को एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत का पालन करना होगा और दोनों शीर्ष नेताओं के बीच समन्वय एवं सहयोग को बढ़ाना होगा. हालांकि, इस रिपोर्ट को स्थायी समिति की बैठक से अनुमोदित कराने की जरूरत है. यह बैठक इस हफ्ते बुलाये जाने की संभावना है.