
घर किराये पर लेने से पहले अब देना होगा दो महीने का एडवांस
कलेक्टरों को भेजा ड्राफ्ट, जल्द ही कैबिनेट में आएगा, फिर विधानसभा में
मध्यप्रदेश में जल्द ही किरायेदार अधिनियम 2022 लागू होने जा रहा है। इसका ड्राफ्ट बन गया है और नगरीय विकास विभाग ने इसे सभी कलेक्टरों को भेज दिया है। इसे जल्द कैबिनेट में लाया जाएगा, इसके बाद विधानसभा के मानसून सत्र में इसे पेश किया जा सकता है। इस अधिनियम में कई अहम बातें हैं, जिसमें सबसे जरूरी ये है कि मकान मालिक और किरायेदार के बीच होने वाला आपसी समझौता अब अधिकार बन जाएगा। यह करार कानूनी दायरे में होगा। अभी ये करार मामूली स्टाम्प पेपर, पर होते हैं, वो किसी कानूनी दायरे में नहीं रहते, इसलिए इन पर हमेशा विवाद होता है। इस अधिनियम के लागू होने के बाद किरायेदार कभी भी मकान पर कब्जा नहीं कर सकेगा। यदि कोई रहने के लिए घर किराये पर लेना चाहता है. तो उसे दो महीने का और काम-धंधे के लिए जगह लेना चाहता है तो उसके लिए छह महीने का एडवास देना होगा। करार ख़त्म होने के पहले परिसर खाली कराने के लिए मालिक को सक्षम अधिकारी के सामने अपील करनी होगी। करार रिन्यू कराना है तो ख़त्म होने के एक महीने पहले अनुरोध करना होगा। किराएदारी व्यवस्था. शासकीय भवनों, यूनिवर्सिटी, संगठन, धार्मिक संस्था के परिसरों पर भी लागू होगी।
विवाद होने पर किराया ट्रिब्यूनल में होगी सुनवाई
ड्राफ्ट के मुताबिक मकान मालिक और किरायेदार के बीच जो भी लिखा पढ़ी होगी, वो सरकार द्वारा जारी एक निश्चित फार्म पर होगी। एक बार करार हो गया तो दोनों पक्षों को मानना ही होगा। यदि मालिक या किराएदार की मृत्यु हो जाती है तो उनके उत्तरदायी को तय मियाद तक करार को मानना पड़ेगा। यदि कोई विवाद होता है तो उसकी सुनवाई किराया ट्रिब्यूनल में होगी, जिसे हाईकोर्ट से चर्चा के बाद बनाया जाएगा।
एक्ट के प्रमुख प्रावधान
• करार की सूचना ग्राम पंचायत या
पंचायत समिति या जिला पंचायत या नगर निगम या नगर पालिका या नगर पंचायत या विकास प्राधिकरणर या हाउसिंग बोर्ड से संबंधित को एक माह में देनी होगी।
• सक्षम संस्था किरायेदारी करार को एक नंबर देगी। इसे डिजिटल सरकारी सिस्टम पर अपलोड किया जाएगा।
किरायेदार उसी परिसर में कोई दूसरा किरायेदार नहीं रख सकेगा। कोई उप करार नहीं होगा।
सिक्योरिटी राशि किरायेदार
के परिसर खाली करने की तारीख पर वापस होगी।
• करार की दो प्रतियां होंगी। एक मालिक और एक किरायेदार रखेगा।
• सामान्य टूट-फूट को ठीक करने का जिम्मा मालिक और किरायेदार दोनों पर होगा।
. दोनों यदि किसी काम के लिए मना करते हैं तो मालिक • सिक्योरिटी राशि काटकर और किराएदार किराया से पैसा काटकर
मरम्मत करा सकेगा।
किराये से पैसा काटने पर एक महीने में 50% से अधिक राशि नहीं काटी जाएगी।
• नल कनेक्शन, पाइप कुकिंग गैस, मार्ग, लिफ्ट, सीढ़ियां, पार्किंग, संचार माध्यम, स्वच्छता सेवा या बिजली आपूर्ति या अन्य कोई आवश्यक सेवा को मालिक काट नहीं सकेंगे। यदि ऐसा किया जाता है तो किरायेदार के आवेदन पर एक महीने के भीतर सक्षम अधिकारी उसकी जांच करेंगे। आपूर्ति बहाल करेंगे।
• किरायेदार बिना मालिक की सहमति के परिसर में कोई स्थायी निर्माण या संरचना में बदलाव नहीं कर पाएगा। • हर जिले में डिप्टी कलेक्टर को सक्षम अधिकारी (किराया प्राधिकारी) कलेक्टर नियुक्त करेंगे। इनके फैसले की अपील एडिशनल कलेक्टर के पास होगी। ट्रिब्यूनल में अपील का 60 दिन के भीतर निराकरण करना होगा।