ऑनलाइन ठगी से पुलिस की मुसीबत बढ़ी, नए नामो की फेहरिस्त से परेशान

रायपुर. ऑनलाइन ठगी करने वालों को पकडऩा पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। ठगों ने फर्जी नाम-पते से मोबाइल सिम या बैंक खाता खुलवा लिया है। इससे पुलिस की उलझन बढ़ गई है। असली ठग तक पहुंचना पुलिस के लिए मुश्किल हो गया है। लॉकडाउन के बाद से ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इनमें आरोपियों को अब तक पकड़ा नहीं जा सका है। कभी बैंक लोन के नाम पर, तो कभी कोरियर से पार्सल पहुंचाने के नाम पर ऑनलाइन ठगी की जा रही है। आधा दर्जन से अधिक ऑनलाइन ठगी हो चुकी है। इनमें आरोपियों की पहचान करने में लगी पुलिस को कई फर्जी नाम-पते का पता चला है। हालांकि पुलिस जांच में लगी हुई है।
दूसरे राज्य का लोकेशन
लॉकडाउन के बाद हुई ऑनलाइन ठगी के अधिकांश मामलों में ठगों का लोकेशन पश्चिम बंगाल, दिल्ली, झारखंड या अन्य दूसरे राज्य का मिल रहा है। ऑनलाइन ठगी करने वाले अधिकांश गिरोह इन्हीं राज्यों में सक्रिय हैं। और अब ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ लेने वालों को टारगेट कर रहे हैं।
खातों के जरिए होती है पहचान
ऑनलाइन ठगी करने वालों को पकडऩे के लिए ठगों द्वारा जिन खातों में पैसे जमा करवाए हैं, उनकी जांच करती है। उन बैंक खातों के जरिए पुलिस संबंधित बैंक में पहुंचती है। इसके बाद बैैंक में उस खाताधारक का पता करती है। खाताधारक द्वारा बैंक में दिए गए दस्तावेजों के जरिए पुलिस ठगों तक पहुंचने की कोशिश करती है। कई मामलों में सामने आया है कि बैंक खाता खुलवाने के लिए आवश्यक दस्तावेजों में ठगों द्वारा कूटरचना करके फर्जी दस्तावेज जमा किए गए हैं। इससे ठगों को ढूंढना मुश्किल हो जाता है।
कोरोना के चलते उलझे कई मामले
ऑनलाइन ठगी लगातार हो रही है। इसकी जांच में पुलिस की टीमें लगी हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते टीमें बाहर नहीं जा पा रही हैं। ऑनलाइन ठगी के सभी मामले दूसरे राज्यों से जुड़े होने के कारण पुलिस टीमों को वहां जाकर जांच करना पड़ता है। हालांकि अनलॉक होने के बाद पुलिस टीमों को ठगी की जांच के लिए बाहर भेजने की तैयारी की जा रही है।
ऑनलाइन ठगी के मामलों की जांच की जा रही है। ज्यादातर मामलों ठगी करने वालों के नाम-पते गलत रहते हैं। ठगी करने वालों की पतासाजी की जा रही है।
-अभिषेक माहेश्वरी, एएसपी क्राइम, रायपुर

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