सियासी हलचल/ फैसले से सचिन के तेवर नरम पड़े या सच मे छवि बिगाड़ने की कोशिश…

Chhattisgarh Digest News Desk ; Edited by: नाहिदा कुरैशी, फरहान युनूस…

राजस्थान : सियासी हलचल में उड़ी खबर सचिन पायलट को मंत्री पद से बर्खास्तगी के बाद आज सुबह टीवी समाचार चैनल पर सचिन पायलट कहना – ‘मुझे बीजेपी के साथ दिखाना पार्टी हाई कमान की नज़र में मेरी छवि ख़राब करने की कोशिश है’. जिस प्रकार राजनीति उठापटक की मीडिया मे खबर आ रही है उससे पायलट के इस बयान को क्या उनके नरम पड़ते तेवर के तौर पर देखा जा सकता है ? या सच मे छवि बिगाड़ने की कोशिश ? क्या पायलट पार्टी के सख्त फैसलों के बाद सीधे आलाकमान से मिलकर कोई रास्ता निकालना चाहते हैं ? सवाल बहुत से खड़े होते है, पर जवाब पर सिर्फ समीक्षा ही की जा सकती है.

बता दे कि राजस्थान सियासी हलचल में बुधवार सुबह सचिन पायलट के किए गए दावे- ‘मैं आज भी कांग्रेसी ही हूं’- से लगता है, वह गांधी परिवार तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रहे हैं, और ज़ोर देकर कहना चाहते हैं कि उनके BJP में शामिल होने की अटकलें दरअसल गांधी परिवार से उनके रिश्ते बिगाड़ने की कोशिश हैं. उनकी टिप्पणी उस वक्त आई, जब कांग्रेस ने पार्टी- विरोधी गतिविधियों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई का नया दौर शुरू किया. उन्हें नोटिस भेजा गया, जिसमें शुक्रवार तक का वक्त देकर उनसे पूछा गया है कि क्यों उन्हें विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित नहीं किया जाए.

वैसे उन्हें दी जाने वाली सज़ा का ज़्यादातर हिस्सा मंगलवार को ही घोषित कर दिया गया था, जब उन्हें राजस्थान के उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया, और उनसे कांग्रेस की प्रदेश इकाई का प्रमुख पद भी छीन लिया गया. पायलट ने मंगलवार को पार्टी का फैसला आने के बाद ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, ‘सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं’. 

हालांकि, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि पार्टी ने पायलट को मनाने की कोशिश की. यहां तक कि सोनिया गांधी के करीबी सहयोगी ने पायलट से बात करने की कोशिश की लेकिन पायलट अड़े हुए थे. पायलट ने सोमवार और मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठकों से भी किनारा कर लिया था, जिसके बाद पार्टी की ओर से उनपर कार्रवाई की गई.

अब कांग्रेस की ओर से पायलट समेत बाकी बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है. बुधवार को स्पीकर ने नोटिस भेजकर इन विधायकों से 17 जुलाई तक जवाब मांगा है, ऐसे में पायलट का यह बयान काफी अहम है. पायलट ने कहा है कि वो आगे की रणनीति पर विचार कर रहे हैं और उनकी इच्छा राजस्थान की जनता की सेवा करने की है. ऐसे में देखना है कि अब पायलट के हिस्से में क्या बचता है.

(इनपुट एनडीटीवी से भी )

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