Friday, March 29, 2024

31 मई को देश भर में थम सकता है रेल के पहिये, जानिये मामला….

नई दिल्ली: अगर भारतीय रेल मंत्रालय ने समय रहते कोई उपाय नहीं किया तो इसी महीने की 31 तारीख को देश भर में रेल के पहिए थम सकते हैं। इसकी वजह भारतीय रेल के सभी स्टेशन मास्टरों का हड़ताल पर जाना है। रेलवे की उदासीनता की वजह से देश भर के करीब 35 हजार स्टेशन मास्टरों ने रेलवे बोर्ड को एक नोटिस थमा दिया है। इसमें आगामी 31 मई को हड़ताल (सामूहिक अवकाश) पर जाने की बात कही गई है।

क्यों जा रहे हैं सामूहिक अवकाश पर स्टेशन मास्टर
ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन (All India Station Masters Association) के अध्यक्ष धनंजय चंद्रात्रे का कहना है कि अब उनके पास सामूहिक अवकाश (Mass Leave of Railway Station Master) पर जाने के अलावा कोई चारा नहीं है। पूरे देश में इस समय 6,000 से भी ज्यादा स्टेशन मास्टरों की कमी है। और रेल प्रशासन (Railway Administration) इस पद पर भर्ती नहीं कर रहा है। इस वजह से इस समय देश के आधे से भी ज्यादा स्टेशनों पर महज दो स्टेशन मास्टर पोस्टेड हैं। यूं तो स्टेशन मास्टरों की शिफ्ट आठ घंटे की होती है, लेकिन स्टाफ की कमी की वजह से इन्हें हर रोज 12 घंटे की शिफ्ट करनी होती है। जिस दिन किसी स्टेशन मास्टर का साप्ताहिक अवकाश होता है, उस दिन किसी दूसरे स्टेशन से कर्मचारी बुलाना पड़ता है। ऐसे में यदि किसी स्टाफ की तबियत खराब हो जाए या उनके घर में कोई इमर्जेंसी हो जाए तो चिल्लपों मच जाती है।

अचानक नहीं लिया गया है फैसला
उनका कहना है कि स्टेशन मास्टर एसोसिएशन का यह निर्णय कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं है। यह निर्णय लंबे संघर्ष के बाद लिया गया है। वह भी तब, जबकि रेल प्रशासन ने उनकी मांगों को नहीं माना। अपनी मांगों को मनवाने के लिए पहले चरण में एस्मा (AISMA) के पदाधिकारियों ने रेलवे बोर्ड के अधिकारियों को ई-मेल भेजकर के विरोध जताया। दूसरे चरण में पूरे देश के स्टेशन मास्टरों ने 15 अक्टूबर 2020 को रात्रि ड्यूटी शिफ्ट में स्टेशन पर मोमबत्ती जला कर विरोध प्रदर्शन किया। तीसरे चरण का विरोध प्रदर्शन 20 अक्टूबर से 26 अक्टूबर 2020 तक एक सप्ताह तक चला। उस दौरान स्टेशन मास्टरों ने काला बैज लगा कर ट्रेनों का संचालन किया।

चौथे चरण में सभी स्टेशन मास्टर 31 अक्टूबर 2020 को एक दिवसीय भूख हड़ताल पर रहे। पांचवे चरण में हर डिवीजनल हेड क्वार्टर के सामने प्रदर्शन किया। छठवें चरण मैं सभी संसदीय क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा गया एवं रेल मंत्री महोदय को ज्ञापन सौंपा गया। सांतवें चरण रेल राज्य मंत्री से मुलाकात करके समस्याओं से अवगत करवाया। इसके बावजूद अभी तक स्टेशन मास्टरों की सभी डिमांड पेंडिंग ही है।

क्या है स्टेशन मास्टरों की मांग
धनंजय का कहना है कि स्टेशन मास्टरों की मांग की सूची रेलवे बोर्ड के सीईओ को भेज दी गई है। इन मांगों में शामिल हैं..

  • 1- रेलवे में सभी रिक्तियों को शीघ्र भरा जाना।
  • 2-सभी रेल कर्मचारियों को बिना किसी अधिकतम सीमा के रात्रि ड्यूटी भत्ता बहाल करना।
  • 3-स्टेशन मास्टरों के संवर्ग में एमएसीपी का लाभ 16.02.2018 के बजाय 01.01.2016 से प्रदान करना।
  • 4-संशोधित पदनामों के साथ संवर्गों का पुनर्गठन करना।
  • 5-ट्रेनों के सुरक्षित और समय पर चलने में उनके योगदान के लिए स्टेशन मास्टरों को सुरक्षा और तनाव भत्ता देना।
  • 6- रेलवे का निजीकरण एवं निगमीकरण रोकना।
  • 7- न्यू पेंशन स्कीम बंद करके पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाना।

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