कर्मचारियों ,शिक्षको की हड़ताल को पुरजोर नैतिक समर्थन : सत्ता पक्ष ने ही नही विपक्ष ने भी किया निराश – कर्मचारी अधिकारी महासंघ छत्तीसगढ़

कर्मचारियों ,शिक्षको की हड़ताल को पुरजोर नैतिक समर्थन : सत्ता पक्ष ने ही नही विपक्ष ने भी किया निराश ~महासंघ छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ की आज एक विशेष बैठक राजधानी रायपुर में प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित की गई ,जिसमे 22 जुलाई को विधान सभा में कर्मचारियों के वेतन भत्तों एवम आंदोलन पर हुई रस्म अदायगी स्थगन तथा 12% महंगाई भत्ते व गृह भाड़ा भत्ता की मांग को ले कर कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा 25 से 29 जुलाई तक पांच दिवसीय एवम इन्ही दो मुद्दो को ले कर 3 शिक्षक संगठनों द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल पर विस्तार से चर्चा की गई । बैठक में शामिल 32 संगठनों के प्रांताध्यक्ष से चर्चा उपरांत सर्वसम्मति से दोनो ही हड़तालों से पृथक रहते हुए ,पुरजोर नैतिक समर्थन देने का फैसला किया गया ।महासंघ के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा है कि चूंकि महासंघ ने केंद्र के समान 34% महंगाई भत्ते,गृह भाड़ा भत्ता के पुनरीक्षण को ले कर पूर्व में तीन दिवसीय आंदोलन किया जा चुका है अतः पांच दिवसीय आंदोलन अब औचित्य हीन हो चुका है । कर्मचारी अधिकारी महासंघ के घटक संघों के प्रदेश अध्यक्षों अनिल शुक्ला शिक्षक कांग्रेस , ओ पी शर्मा स्वास्थ कर्मचारी संघ,,महेंद्र सिंह राजपूत मंत्रालयीन कर्मचारी संघ,,करण सिंह अटेरिया प्रदेश अधिकार संघ ,कमलेश राजपूत पटवारी संघ ,, संजय तिवारी विद्यालयीन शिक्षक कर्मचारी संघ,, डा गोकुल सरकार चिकित्सक संघ,,जी पी बुधौलिया प्रदेश कर्मचारी संघ,, डा जितेंद्र सिंह ठाकुर संचनालय कर्मचारी संघ,दीपक देवांगन कोषालय कर्मचारी संघ,पी आर साहू लघुवेतन कर्मचारी संघ, डा शिवकुमार पांडे मैदानी स्वास्थ कर्मचारी संघ,अश्वनी गुरदेकर फर्माशिष्ट एसोसिएशन ,अशोक कुमार नवरे,,प्रदीप बोगी ,आलोक मिश्र,सतीश पसेरिया,,सुजान बिंद,संतोष देवांगन ,रमेश मार्कण्डेय,संजय दुबे अनुदान प्राप्त शिक्षक संघ ,रमाकांत द्विवेदी ,दीपक शर्मा आदि ने एक स्वर में कहा कि यदि फेडरेशन पांच दिवसीय हड़ताल की बजाय अनिश्चित कालीन आंदोलन से चर्चा उपरांत संयुक्त बैनर पर सामूहिक नेतृत्व में करता है तब हम सब पूरी ताकत से हड़ताल करने को तैयार है । वर्तमान में प्रदेश का कर्मचारी देश व अन्य प्रदेश के कर्मचारियों से 12%कम महंगाई भत्ता प्राप्त कर रहा है अतः केवल अनिश्चित कालीन हड़ताल ही परिणाम दायक होगी। । महासंघ के प्रवक्ता संजय तिवारी ने बताया कि लगभग सभी अध्यक्षों का मानना है कि महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला,एवम फेडरेशन के संयोजक को संयुक्त रूप से प्रदेश के सभी 148 छोटे बड़े सभी संघों के प्रांतीय अध्यक्ष की बैठक आहूत कर सभी से केंद्र के समान 34% महंगाई भत्ते के घोषणा होने तक सामूहिक नेतृत्व में अनिश्चित कालीन हड़ताल की बात करनी चाहिए ,। हड़ताल की घोषणा कर संघों से बात करना कर्मचारियों में अपेक्षित विश्वास नहीं कर पाता । कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रवक्ता तिवारी ने बताया कि बैठक में 22 जुलाई को विधानसभा में कर्मचारियों के वेतन भत्तों एवम आंदोलन पर की गई रस्म अदायगी स्थगन प्रस्ताव पर भी निराशा व्यक्त की गई , तिवारी ने बताया कि नेता प्रतिपक्ष ने इस पर स्थगन प्रस्ताव रखा था किंतु अग्राह्य होते ही जैसे ही सरकार ने विधायको का वेतन भत्ता 95 हजार से बढ़ा कर 1 लाख 60 हजार करने सहित निर्वाचन भत्ते में 25000 की वृद्धि का प्रस्ताव रखा प्रतिपक्ष भी कर्मचारियों की मंहगाई भत्ते की बात भुला दिया ,जबकि विपक्ष ऐसा कह सकता था कि जब तक राज्य के पांच लाख कर्मचारियों एवम सवा लाख पेंसनरो के भत्ते में बढ़ोतरी नही की जाती तब तक वे भी बढ़ा हुआ वेतन भत्ता स्वीकार नहीं करेंगे ,ऐसा कर विधायक गण लाखो कर्मचारियों का दिल जीत सकते थे किंतु ऐसा दुर्भाग्य वश नहीं हुआ,,।

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