जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है।”

राष्ट्रकवि के रूप में विख्यात रामधारी सिंह दिनकर की अमर कृति ‘रश्मिरथी’ की ये बहुउद्यृत पंक्तियां तभी से याद आ रही हैं, जब प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के जवाब में अपने डेढ़-डेढ़ घंटे लंबे भाषण में, पहले लोकसभा में और फिर राज्यसभा में, दुष्यंत कुमार की कविता की पंक्तियों का सहारा … Read more