व्यंग्यकार वरिष्ठ पत्रकार और साप्ताहिक ‘लोकलहर’ के संपादक हैं।

व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा अब ये अमृतकाल में कैसी उल्टी गंगा बहने लगी। बताइए, पप्पू फिर पास हो गया। पप्पू कर्नाटक में भी पास हो गया। जैसे-तैसे कर के नहीं, रो-पीटकर नहीं, बाकायदा फर्स्ट डिवीजन में पास हो गया। और बेचारा गप्पू, फिर फेल हो गया। वही गप्पू, जिसने लंबी-लंबी गप्पें हांककर और अखबार-टीवी सब … Read more

लेख-विशेष/ ‘देर से ज्वाइन करने वालों के लिए आज़ादी की लड़ाई’ ( : राजेंद्र शर्मा)

लेख-विशेष/ ‘देर से ज्वाइन करने वालों के लिए आज़ादी की लड़ाई’ ( : राजेंद्र शर्मा)

लेख-विशेष/ जश्न में माफी तो बनती है! ( : राजेंद्र शर्मा)

लेख-विशेष/ जश्न में माफी तो बनती है! ( : राजेंद्र शर्मा)

कश्मीर: दर्द बढ़ता ही गया, ज्यों-ज्यों दवा की संघ ने (आलेख : राजेंद्र शर्मा)

मोदी सरकार की कश्मीर नीति और नीयत की विध्वंसक विफलता ने, सरकार की आठवीं सालगिरह के जश्नों का रंग जैसे उड़ा ही दिया है। चाहे संयोग ही सही, पर यह बहुत कुछ उजागर करने वाला संयोग था कि जिस दिन मोदी सरकार के आठ साल पूरे होने पर भाजपा के पूरे पखवाड़े भर चलने वाले … Read more