पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे पर खाद की आपूर्ति को लेकर गलत बयानी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री की गलत बयानी के कारण खाद की कालाबाजारी को बढ़ावा मिल रहा है। राज्य सरकार समय पर उठाव नहीं करती। हर मामले में राजनीतिक पैंतरेबाजी करती है और केंद्र सरकार पर मिथ्या आरोप लगाती है।
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने खाद की कमी और किसानों को क्या कहा -तो वही जवाब में कांग्रेस भी आई सामने
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे पर खाद की आपूर्ति को लेकर गलत बयानी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री की गलत बयानी के कारण खाद की कालाबाजारी को बढ़ावा मिल रहा है। राज्य सरकार समय पर उठाव नहीं करती। हर मामले में राजनीतिक पैंतरेबाजी करती है और केंद्र सरकार पर मिथ्या आरोप लगाती है।
साढ़े तीन साल से कांग्रेस का एक सूत्री कार्यक्रम चल रहा है कि झूठ बोलो और अपनी विफलता पर पर्दा डालो। खाद की कमी बताना और केंद्र को जिम्मेदार ठहराना इसी प्रायोजित कार्यक्रम का हिस्सा है। कांग्रेस सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेती है।
और बाद में हल्ला मचाती है। खाद के अग्रिम उठाव का कार्य अप्रैल माह में ही शुरू हो जाना चाहिए परंतु समय पर यह सरकार सोती रहती है। अग्रिम उठाव कार्य में एक से डेढ़ माह विलंब होने से भी वितरण में असुविधा होती है जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना होता है और कलाबाजारियों को मौका मिलता है।
किसानों से बदला ले रही भाजपा: कांग्रेस
पीसीसी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा का चरित्र शुरू से ही किसान विरोधी रहा है। सीजन शुरू होने के पहले राज्यों द्वारा केंद्र को मांग भेजकर माहवार आपूर्ति के प्लान पर सहमति ली जाती है। केंद्र उस प्लान के अनुसार राज्य में खाद नहीं भेज रहा है।
पिछले रबी सीजन में भी 7.50 लाख टन उर्वरक की मांग में 45% कटौती की गई थी। 2017 में मांग का 72%, 2018 में मांग का 89% आपूर्ति की गई थी। आखिर मोदी सरकार और राज्य के 10 भाजपा सांसद छत्तीसगढ़ के किसानों से किस बात का बदला ले रहे हैं?
इस साल भी बुवाई और थरहा देने का समय आ चुका है लेकिन छत्तीसगढ़ में खरीफ के लिए आवश्यक 9 लाख टन रासायनिक खाद का 40 प्रतिशत भी अब अभी तक नहीं मिला है।