Thursday, March 28, 2024

उच्च शिक्षा विभाग के आदेश के बाद भी नहीं बढ़ा मानदेय, विश्वविद्यालय में अतिथि प्रध्यापक कर रहे दीक्षांत का बायकॉट…

  • कुलपति ने किया शासन के आदेश का उल्लंघन
    • अतिथि प्राध्यापक कर रहे दीक्षांत का बायकॉट
      • उच्च शिक्षा विभाग के आदेश के बाद भी नहीं बढ़ाया गया मानदेय

रायपुर : एक बार फिर कुशाभाऊ ठाकरे वि. विद्यालय में राजनीतिक मुद्दा गरमाने की स्थिति बन रही है| एक ओर जहां उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अतिथि प्राध्यापकों के मानदेय वृद्धि के आदेश जारी की जा चुकी है| वहीं शासन के प्रति हर दम नकारात्मक रवैया रखने वाले कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय ने एक बार फिर शासन के आदेश का खुले तौर पर उल्लंघन किया है|

सूत्रों के मुताबिक कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग और जनसंचार विभाग के अतिथि प्राध्यापकों द्वारा अपने-अपने विभागाध्यक्ष को आवेदन प्रस्तुत कर उच्च शिक्षा के आदेश के पालन करने की आग्रह प्रस्तुत की गई थी|

विभागाध्यक्ष ने अतिथि प्राध्यापकों को यह आश्वासन दिलाया था, कि वह उनकी मांगों को आगे कुलसचिव व कुलपति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे जिसे आने वाली एजुकेशन कमेटी के समक्ष प्रस्तुत कर पारित कर दिया जाएगा फिर आने वाली माह में आप सभी को बढ़ा हुआ वेतन प्राप्त होने लगेगा, किंतु विभागाध्यक्ष द्वारा अपने दायित्वों के निर्वहन के उपरांत अतिथि प्राध्यापकों की मानदेय में वृद्धि के आवेदन को कुलसचिव व कुलपति द्वारा किनारा लगाते हुए डस्टबिन में डाल दिया गया|

टेलीफोनिक चर्चा :

छत्तीसगढ़ डाइजेस्ट समाचार के पत्रकार द्वारा विश्वविद्यालय में सम्बंधित विषय पर चर्चा हेतु कुलपति से मिलने पहुँचे पर मुलाकात नही हो पाने के कारण उनसे दूरभाष पर इस विषय पर चर्चा हुई.

सुने दूरभाष पर चर्चा –

कुलपति से मिलने पहुँचे पर मुलाकात नही हो पाने के कारण उनसे दूरभाष पर इस विषय पर चर्चा हुई.

एजुकेशन कमेटी में नहीं रखा गया प्रस्ताव –
इधर विभागाध्यक्षों ने अपने-अपने अतिथि प्राध्यापकों को यह आश्वासन दिया था कि उनके द्वारा प्रस्तुत आवेदन को एजुकेशन कमिटी में रखा जाएगा| किंतु कुलसचिव व कुलपति के रवैया ने विभागाध्यक्ष के प्रस्ताव को आगे बढ़ने नहीं दिया और न ही अतिथि प्राध्यापकों के मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव को एजुकेशन कमेटी के समक्ष रखा| ऐसे में न तो अतिथि प्राध्यापकों की फरियाद सुनी गई और न ही शासन के आदेश का पालन किया गया, जिसके चलते विश्वविद्यालय के अतिथि प्राध्यापकों के मध्य अब यह मुद्दा गरमाने लगा है|

दीक्षांत का हो रहा बहिष्कार, छुट्टियां मना रहे शिक्षक –
ज्ञात हो कि आने वाले समय में विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन होना है, जिसका कार्यभार हर वर्ष अतिथि प्राध्यापकों द्वारा संभाला जाता है| किंतु इस बार अतिथि प्राध्यापकों ने अंदर ही अंदर दीक्षांत समारोह का बहिष्कार करना आरंभ कर दिया है जिसका असर विश्वविद्यालय में दीक्षांत की तैयारी के दौरान दिखने लगा है|

जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलसचिव द्वारा किसी भी प्रकार की अवकाश न लेने की पूर्व नोटिस निकाली जा चुकी है जिसके अंतर्गत आने वाले सभी शासकीय अवकाश को भी रद्द कर दिया गया है| ताकि दीक्षांत समारोह की तैयारी समय पर पूर्ण की जा सके| किंतु विश्वविद्यालय द्वारा जारी नोटिस के बाद भी लगातार शिक्षक छुट्टियां मना रहे हैं और किसी भी अतिथि प्राध्यापकों द्वारा कार्यभार को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है, जो इस बात का प्रमाण है कि अतिथि प्राध्यापक इस दीक्षांत समारोह को पूरी तरह बायकाट करने का मन बना चुके हैं|

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