छत्तीसगढ़ सरकार पंचायत शिक्षाकर्मियों की विधवाओं और आश्रितों की अनुकंपा नियुक्ति का फैसला करने जा रही है। दरअसल लोक शिक्षण संचालनालय ने शिक्षा विभाग के सभी संयुक्त संचालकों और जिला शिक्षा अधिकारियों से ऐसे पंचायत शिक्षाकर्मियों की जानकारी मांग ली है, जिनकी संविलियन से पहले मृत्यु हो गई थी। विभाग इस जानकारी के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग से मार्गदर्शन लेगा, ताकि अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़े, यह बात भी सामने आई कि इस फैसले का फायदा प्रदेश की 900 से ज्यादा विधवाओं या आश्रितों को मिलेगा।पंचायत शिक्षाकर्मियों की विधवाएं लंबे समय से अनुकंपा नियुक्ति के लिए आंदोलन कर रही हैं। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भी महिलाएं सड़क पर उतरीं थीं। इसी वजह से उच्चस्तर पर इसके लिए विचार शुरू हुआ। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में 2018 से पहले स्कूलों में दो तरह के शिक्षक काम कर रहे थे। पहले स्कूल शिक्षा विभाग में नियुक्त नियमित शिक्षक तथा दूसरे पंचायत और निकायों की ओर से नियुक्त शिक्षाकर्मी। शिक्षाकर्मी नियुक्ति नियमित नहीं थी, यह पैरा शिक्षक का पद था।इसीलिए शिक्षाकर्मी की मृत्यु के बाद सामान्य सरकारी कर्मचारी की तरह उनकी विधवा या आश्रितों को अनुकंपा नहीं दी जा रही थी। लेकिन 2019-20 में शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन कर उन्हें नियमित कर दिया गया। अफसरों का कहना है कि इस वजह से पंचायत शिक्षाकर्मियों की विधवा या आश्रितों को भी अनुकंपा नियुक्ति देने का रास्ता साफ हो गया है।सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे ने बताया कि प्रदेश में इस तरह के लगभग 900 से ज्यादा मामले हैं, जिनमें शिक्षाकर्मियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकी है। सरकार की तरफ से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, इसलिए अब उम्मीद की जा सकती है कि जल्दी ही इस बारे में आदेश जारी कर इन्हें भी अनुकंपा नियुक्त देने का सिलसिला शुरू कर दिया जाएगा।