नई दिल्ली : केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने आज ‘भारत बंद’ आह्वान किया है. आज किसानों के साथ राजनीतिक दलों द्वारा देशभर में सड़कों पर चक्का जाम किया जा रहा है. मालूम हो कि पिछले एक हफ्ते से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमा पर किसान डटे हैं. यहां हजारों की संख्या में किसानों ने डेरा डाल रखा है. सरकार के साथ बातचीत बेनतीजा होने से किसानों में और रोष बढ़ा है, जिसके बाद किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया है. इस आंदोलन भी राजनीति भी जमकर हो रही है. किसानों के भारत बंद को देश के तमाम विपक्षी दलों ने अपना समर्थन दिया है.
केंद्र सरकार के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद के समर्थन में वामपंथी दलों ने विजयवाड़ा में विरोध प्रदर्शन किया है. ओडिशा में वाम दलों, ट्रेड यूनियन और किसान यूनियन ने भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों को रोक दिया है. महाराष्ट्र के बुलढाणा में स्वाभिमानी शेतकारी संगठन ने ‘भारत बंद’ के तहत ट्रेन को रोक दिया. बाद में उन्हें पुलिस ने पटरियों से हटा दिया और हिरासत में ले लिया.
जानकारी हो कि कृषि कानूनों के खिलाफ कानूनों के आंदोलन और कोरोना की स्थिति को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगी. बैंक कर्मचारी संगठनों ने किसानों के ‘भारत बंद’ में शामिल नहीं होने का ऐलान किया है.
भारतीय किसान एकता संगठन के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाला ने किसानों से शांति बनाकर रखने और बंद लागू करने के लिए किसी से नहीं झगड़ने की अपील की है. किसान आज सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक सड़कों पर चक्का जाम किये. करीब 4 घंटे तक किसान प्रमुख सड़कों को जाम रखे रहे. खेत मजदूरों के निकाय पश्चिम बंग खंत मजदूर समिति ने ‘भारत बंद’ के आह्वान पर किसान समूहों को अपना पूर्ण समर्थन दिया है. वह पश्चिम बंगाल के 11 जिलों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.