Chhattisgarh Digest News Desk ; Edited by : Nahida Qureshi, Farhan Yunus.
कोरबा। कटघोरा वनमंडल के हल्दीबाड़ी रिजर्व फॉरेस्ट (आरएफ-790) में कुछ श्रमिक बांस कटाई कर रहे थे। रिजर्व फॉरेस्ट में कटाई-सफाई प्रतिबंधित होता है, जहां यह गड़बड़ी क्षेत्र के परिसर रक्षक ने पकड़ ली। श्रमिकों से पूछताछ में पता चला कि बांस कटाई कोई और नहीं, बल्कि उसी वन कर्मी के वरिष्ठ अफसर करा रहे थे। अपने से वरिष्ठ परिक्षेत्र अधिकारी, परिक्षेत्र सहायक एवं वनरक्षक जब मौके पर पहुंचे तो परिसर रक्षक ने उन्हें फटकार लगा दी और कहा, अपने कंधे पर तीन-तीन स्टार कैसे लगा लिए, कैसे अफसर हो, बात मत करो। डीएफओ को बुलाऊं क्या, बांस कटाई का आदेश दिखाओ। नहीं है तो मैंने जब्ती बनाई है, प्रकरण तैयार है, चलो दस्तखत करो नहीं तो खड़े-खड़े वर्दी उतरवा दूंगा।

मामला वनमंडल एवं परिक्षेत्र कटघोरा अंतर्गत हल्दीबाड़ी के आरएफ-790 का है। अपने वरिष्ठ अफसरों को फटकार लगाते उस वनकर्मी का वीडियो भी वायरल हुआ है। इसमें अपने अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए शेखर सिंह रात्रे, परिसर रक्षक बांकी, वनमंडल एवं परिक्षेत्र कटघोरा कह रहे हैं कि 15 जुलाई को डीएफओ के आदेश क्रमांक-3210 के तहत उसे 16 जुलाई को रात में रानीकुंडी निकलना था, जहां से ट्री गार्ड लेकर आने कहा गया था। आदेश के तहत वह 16 जुलाई की शाम चार बजे गंतव्य के लिए निकल गया और रात 12 बजे वापस लौटा।
शुक्रवार को जब वह हल्दीबाड़ी रिजर्व फारेस्ट (आरएफ-790) पहुंचा तो देखा कि यहां ग्राम गुर्रूमुड़ा के 11 श्रमिक बांस की कटाई कर रहे थे। पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि 353 बांस कटाई की गई है। इसमें महिला, पकिया व गीला बांस शामिल हैं। गलत पाए जाने पर इनसे आदेश व कागजात की मांग की तो उन्होंने बताया कि उन्हें गुर्रूमुड़ा से परिसर रक्षक कटघोरा रामकुमार यादव आए थे और पहले हर्राभांठा में ठहराया। बाद में बांस कटाई का काम बताते हुए 250 रुपये रोजी देने की बात कही। इस तरह वे हल्दीबाड़ी में बांस कटाई कर रहे थे।
श्रमिकों से मिली जानकारी के अनुसार परिसर रक्षक शेखर सिंह रात्रे ने जब रामकुमार यादव से बात की तो वे भी मौके पर आए। उन्होंने बताया कि रेंजर के आदेश था कि यहां से बांस काटना है और लेकर जाना है। रात्रे ने उनसे आदेश की कॉपी मांगी तो उनका कहना था कि उनके पास ऐसा कोई कागज नहीं है। इसके लिए इसमें प्रथम दृष्ट्या गड़बड़ी पाए जाने पर रात्रे ने जब्ती की कार्रवाई की।
इस सीजन बांस या कूप कटाई नहीं होती
परिसर रक्षक शेखर सिंह रात्रे ने बताया कि इस सीजन में बांस कटाई या कूप कटाई नहीं होती, इसलिए यह गलत है। इस सीजन में बांस की कटाई नहीं होती और न ही कूप कटाई होती है। मौके से 11 टंगिया जब्त किया गया है और यह कृत्य आरक्षित वन में धारा 26-1 लगेगा। आरक्षित वन के लिए धारा-4 में दर्ज है कि अधिसूचित धारा 5 के अधीन प्रतिबंधित वन क्षेत्र में नई कटाई-सफाई पर प्रतिबंध है। धारा 52 के तहत जब्ती करना है, इसलिए मैंने इस धारा के तहत जब्ती की कार्रवाई की है।
26-1 की दंड की धारा है जिसमें एक वर्ष कारावास व 15 हजार जुर्माना या दोनों का प्रावधान है, जो जमानती है। रात्रे ने जिसके पास से जब्ती पर कार्रवाई की है, उनमें मृत्युंजय शर्मा परिक्षेत्र अधिकारी कटघोरा, अजय कौशिक परिक्षेत्र सहायक दर्री, रामकुमार यादव वनरक्षक कटघोरा परिसर रक्षक हैं और 11 श्रमिक शामिल हैं। गवाह, साक्षियों व श्रमिकों का बयान भी लिया।
डीएफओ ने कॉल-वाट्सएप का नहीं दिया जवाब
इस पूरे मामले का दो वीडियो सोशल साइट्स पर वायरल भी हुआ, जिसमें से एक में रात्रे अपने वरिष्ठ अफसरों को गलत करने की बात कहते हुए फटकार रहे हैं और अफसर उसे समझाने का प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं। रात्रे का कहना है कि यह रिजर्व फॉरेस्ट है, जहां कटाई-सफाई प्रतिबंधित है, जबकि अफसरों का कहना है कि वे कूप कटाई करा रहे थे।
दूसरे वीडियो में परिसर रक्षक शेखर सिंह रात्रे इस गड़बड़ी के बारे में बता रहे। वनकर्मियों के आपस में दिखाई दे रही तना-तनी के मामले में कटघोरा डीएफओ शमा फारूकी से जानकारी लेने का प्रयास किया गया, पर उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। वाट्सएप पर भी मैसेज लिखा गया पर उसका भी जवाब उन्होंने नहीं दिया।