जिंदा वही रहेगा, जिसके पास होगा पैसा ?

नाहिदा क़ुरैशी

ये है कड़वा सच ‘ कालाबाजारी’

गरीब कहा से देगा प्राइवेट अस्पतालों का खर्च , सरकार संवेदनशीलता से यदि फैसले लेकर इस महामारी का इलाज मुफ्त में करने के लिए आदेश देती तो आज जितने प्राइवेट हॉस्पिटल इलाज करने का दम भर रहे है ना, वो सामने ही नही आते , कल हमने वैक्सीन की कालाबाजारी पर बात कि और आज देखिये एक न्यूज पेपर ने गहराई से हमे जानकारी प्रदान कर दी , कभी -कभी लगता है जनसंख्या की दर कम करने के लिए भी इस तरह के फैसले लिए जा रहे हो , फिलहाल ये दर्द सिर्फ आम -आदमी ही जान सकता है जिसने इस महामारी में किसी अपने को खोया है , दहशत किसी भयंकर बीमारी कि , दहशत इलाज न मिलने की , दहशत इलाज के लिए पैसों का न होना , ये सब से रोज दो चार हो रहे है हम और आप, ये लोग कैसे समझेंगे की गरीब की ज़िंदगी क्या है उसके पीछे रोने और तड़पने के लिए उसका पूरा परिवार है ।

एक फैसला – ऐसा भी

ज़िंदा वही रहेगा जिसके पास पैसा है ?