chhattisgarh digest news desk ; Edited by : Nahida Qureshi, Farhan Yunus…
Reported by : दिनेश चन्द्र कुमार (रायपुर)
खुलासा / दोषी रेलकर्मी को रेल विभाग बचा रहा, विभाग पर उठ रहा का सवाल…
Raipur : वैगन रिपेयर शॉप रायपुर छतीसगढ के कई ऐसे मामले हैं जो सभी को चौका देने वाली रहती हैं चाहे नियम विपरीत आदेश जारी करे चाहे निर्दोष को दंडित करे. ऐसे ही एक मामला सामने आया है विगत वर्ष एक रेलकर्मी पर इसलिए विभागीय कार्यवाही की गई कि उक्त रेलकर्मी ने स्वंय के खिलाफ अपराधिक प्रकरण न्यायालय में चल रहे होने की जानकारी रेल विभाग से छिपाया गया था जानकारी छिपाऐ जाने के आरोप में रेल विभाग वैगन रिपेयर शॉप रायपुर द्वारा विभागीय कार्यवाही की गई पर चौकाने वाली बात यह है कि ऐसे ही एक अन्य मामले में रेल विभाग (वैगन रिपेयर शॉप) के अधिकारियों द्वारा दोषी रेलकर्मी पर कार्यवाही ना कर बचाने में लगी है.
मालूम हो कि वैगन रिपेयर शॉप के रेलकर्मी गणेश चंद्र कुमार टिकट नंबर 9107 विगत वर्ष 3/2/2017 को अपने सीनियर आफिसर पर कारखाना में जानलेवा हमला कर घायल किया गया सीनियर आफिसर के साथ मारपीट किये जाने को आरोपी रेलकर्मी के खिलाफ कार्यवाही नही होने पर वैगन रिपेयर शॉप के सभी शॉप के रेल कर्मचारीयो ने लामबंद होकर सुबह से देर शाम तक कामबंद कर हडताल पर बैठ गये थे वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच कर कार्यवाही करने की आश्वासन देने पर तब जाकर सारे रेल कर्मचारी देर शाम हडताल खत्म की.
जॉच में भी दोषी पाया गया साथ ही जॉच में यह भी पाया गया की आरोपी कर्मचारी पूर्व में भी अपने सुपरवाइज़र के साथ विवाद करने के आरोप में दंडित किया गया है साथ ही यह पाया गया की आरोपित कर्मचारी द्वारा इस प्रकार की अनुशासनहीनता का विपरीत प्रभाव उत्पादन एवं अन्य कर्मचारियों पर पडता है कर्मचारी द्वारा इस प्रकार से विवाद उतपन कर कारखाने के माहौल को खराब करना गंभीर अनुशासनहीनता को दर्शाता है जॉच रिपोर्ट में सारी बाते सामने आई है कर्मचारी द्वारा कई ऐसे मामले हैं जो रेल नियम विरूद्ध जाकर कार्य करते पाया गया.
रेल नियमो के अनुसार हर कर्मचारियों को स्वंय के खिलाफ न्यायालय में चल रहे अपराधिक प्रकरण की जानकारी रेल विभाग को देना अनिवार्य है पर इस कर्मचारी द्वारा ऐसा ना कर रेल नियमो की धज्जियां उडाते नजर आ रहा है इसके बावजूद रेल विभाग मौन बैठा हुआ है आखिर ऐसा कयो. रेल नियमोनुसार ऐसे कर्मचारी पर रेल सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियम 1968 के तहत विभागीय कार्यवाही की जानी है पर इस कर्मचारी पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का संरछण प्राप्त होने की वजह से रेल विभाग कार्यवाही नही कर रही हैं चौकाने वाली बात यह भी है कि तीसरे पछ द्वारा रेल विभाग में जानकारी दी गई कि उक्त कर्मचारी को विगत वर्ष 2017 में एक अन्य अपराधिक प्रकरण में माननीय न्यायालय रायपुर द्वारा दोषी पाये जाने पर अर्थदंड से दंडित किया गया है साथ ही दंडित निर्णय कापी भी रेल विभाग को सौपी गई रेलकर्मी द्वारा न्यायालय से दंडित होने की जानकारी भी छिपाई गई.
तीसरे पछ द्वारा रेल विभाग को दस्तावेज सहित वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया इसके बावजूद अधिकारियों द्वारा दोषी कर्मचारी पर कार्यवाही ना कर कार्यवाही करने से पीछे हटती नजर आ रही हैं ऐसी परिस्थिति को देखते हुए लगता है कि वैगन रिपेयर शॉप के अधिकारियों द्वारा रेल नियम स्वयं उनके द्वारा बनाई जाती हैं जो हर रेल कर्मचारियों के लिए अलग अलग लागु होती है ऐसे मे अन्य रेलक्रमियो को गलत संदेश पहुँच रहा है आरोप साबित होने पर एक रेलकर्मी को दंडित किया जाता है वही दूसरे रेलकर्मी को संरछण देते हुऐ बचाया जाता है यह कैसा रेल नियम. जब अधिकारियों द्वारा नियम विरूद्ध जाकर कार्य करने लगे तो अन्य रेल कर्मचारियों से क्या उम्मीद किया जा सकता है ? (विषय गंभीर हैं गंभीरता से ली जाने की आवश्यकता है.)