Friday, March 29, 2024

2270 मामले, 43 करोड़ से ज्यादा के सेटलमेंट अवार्ड पारित, देश की पहली ई- लोक अदालत सफल

Chhattisgar Digest News Desk :

देश की पहली ई- लोक अदालत सफल, निपटे 2270 मामले, 43 करोड़ से ज्यादा के सेटलमेंट अवार्ड पारित

हाईकोर्ट ऑडिटोरियम में आयोजित इस समारोह को जिला अदालतों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देश-दुनिया में देखा गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी रायपुर से इसमें पूरे समय जुड़े रहे। दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उदघाटन करते हुए चीफ जस्टिस मेनन ने कहा कि अदालतों के प्रदर्शन की समीक्षा उसके द्वारा निराकृत किये गये मामलों की संख्या से होती है।

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट व विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा देश की पहली ई-अदालत सफल रही। लोक अदालत में 3133 मामले प्रस्तुत किए गए, जिनमें 2270 मामले निराकृत किए गए। 43 करोड़ 39 लाख 49 हजार 22 रुपए के अवार्ड पारित हुए। चीफ जस्टिस पीआर. रामचंद्र मेनन ने इस अवसर पर कहा कि नोवेल कोरोना वायरस के इस कठिन दौर में पेंडेंसी कम करने तथा पक्षकारों को राहत पहुंचाने के लिये ई अदालत का आयोजन एक आदर्श विचार है।

हाईकोर्ट ऑडिटोरियम में आयोजित इस समारोह को जिला अदालतों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देश-दुनिया में देखा गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी रायपुर से इसमें पूरे समय जुड़े रहे। दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उदघाटन करते हुए चीफ जस्टिस मेनन ने कहा कि अदालतों के प्रदर्शन की समीक्षा उसके द्वारा निराकृत किये गये मामलों की संख्या से होती है।

सन् 2019 में अकेले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में 45 हजार 230 मामले फाइल किये गये। इसी दौरान 39448 यानि 87.3 प्रतिशत मुकदमों का निपटारा किया गया। सन् 2020 में कोरोना महामारी का दौर शुरू होने से पहले जनवरी से लेकर मार्च तक कोर्ट में 10639 मामले दायर किये गये इस दौरान 8736 मामलों में फैसला दिया गया, जो 82.11 प्रतिशत रहा।

यही नहीं जब लॉकडाउन के दौरान अदालतों की गतिविधियां ठप पड़ गईं तब भी हमने ग्रीष्मकालीन अवकाश को रद्द करने का निर्णय लिया। इस अवधि में 5212 केस फाइल किये गये और हाईकोर्ट में 3956 मामलों का निपटारा किया गया। इसका प्रतिशत 75.9 रहा। ये सब सिर्फ 15 जजों ने संभव कर दिखाया। इन सभी निराकृत मामलों में बड़ी संख्या ऐसी थी जिन पर पिछले पांच सालों से ज्यादा समय से सुनवाई चल रही थी।

जस्टिस मिश्रा को दिया श्रेय
चीफ जस्टिस ने इस आयोजन का श्रेय जस्टिस प्रशांत मिश्रा को देते हुए कहा कि पूरी योजना उनकी है। मेरा काम केवल सहमति देकर, सबको जोडऩा और प्रोत्साहित करने का रहा है।

हाईकोर्ट में निराकृत हुए 164 मामले
पूरे प्रदेश के 23 जिलों की 195 बेंच में 3133 मामले प्रस्तुत हुए। रायपुर जिले के 980 में से 562, बिलासपुर जिले के 488 में से 195 मामले निराकृत हो गए। हाईकोर्ट के 165 प्रकरणों में से 164 मामले निराकृत हुए।

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