बिलासपुर हाईकोर्ट अपडेट:शिक्षकों की पेंशन और पीएचई विभाग में पीएफ में गड़बड़ी के मामलों में सुनवाई के बाद दिए गए सुधार के आदेश
बिलासपुर
बिलासपुर हाईकोर्ट में अहम याचिकाओं के निराकरण की ओर कार्रवाई
विभागीय अफसरों की लापरवाही के खिलाफ कर्मचारियों ने उठाई आवाज
बिलासपुर हाईकोर्ट ने पेंशन और पीएफ के मुद्दों पर दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई की। सभी तथ्यों को परखने के बाद याचिकाकर्ताओं के हक में आदेश देते हुए शिक्षा और पीएचई डिपार्टमेंट को जरुरी कार्रवाई करने को कहा है। एक मामला शिक्षकों की पुरानी पेंशन योजना से जुड़ा है। जबकि दूसरा प्रकरण पीएफ खाते की गड़बड़ी का है।
केस -1
संजय कुमार, फकीर सिंह, चंद्रकांत भास्कर, राम प्यारी गजभिये, सरस्वती निषाद, जागेश्वरी ध्रुव, अंबी कश्यप, गीता देवी सलाम, यूके सलाम सहित अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की थी। इसमें बताया कि वे सहायक शिक्षक, शिक्षक और व्यख्याता के पद पर पदस्थ हैं। ये सभी शिक्षक कांकेर जिले में नरहरपुर विकासखंड में रहते हैं। 1998 से बतौर शिक्षक का काम करे इन सभी का संविलयन शिक्षा विभाग में हो चुका है। इनके वेतन में से सन् 2004 में लागू नेशनल पेंशन स्कीम के तहत बिना सहमती कटौती की जा रही है। बताया गया कि चूंकि ये सभी 1998 से पदस्थ हैं इसलिए बाद में लागू हुई पेंशन स्कीम के तहत उनके वेतन से कटौती नहीं की जा सकती। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद शिक्षा सचिव, जिला शिक्षा अधिकारी कांकेर व विकासखंड शिक्षा अधिकारी नरहरपुर को 3 माह में याचिकाकर्ताओं की पुरानी पेंशन स्कीम संबंधित निराकरण करने का आदेश दिया।
केस – 2
पेंड्रा रोड निवासी अरविंद विलियम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें बताया कि वह लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में हैंडपंप मेकैनिक के पद से 2018 में सेवानिवृत्त हुए। रिटायरमेंट के समय उनके जीपीएफ पास बुक के अनुसार साढ़े तीन लाख की राशि पीएफ खाते में जमा थी। लेकिन महालेखाकार ने केवल छह हज़ार की राशि खाते में जमा होना बताया। यह भी कहा गया कि बाकि की राशि खाते से निकाल ली गई जबकि अरविंद ने ऐसा कोई ट्रांजेक्शन ही नहीं किया था। अब हाईकोर्ट ने महालेखाकार एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को तत्काल भविष्य निधि खाता दुरुस्त करने और खाते में धोखाधड़ी की संभावना जताते हुए इसकी जांच करते हुए दोषी अधिकारियों के विरुद्ध भी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने कहा है।