भारत के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए लालू प्रसाद यादव के नामांकन भरने की खबर ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है।
चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। सभी दल नए महामहिम को चुनने के लिए बैठकों का दौर कर रहे हैं और अभी तक किसी का भी नाम सामने नहीं आया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का फैसला अगले महीने 18 जुलाई को भारत के 16वे राष्ट्रपति चुनाव में हो जाएगा। चुनाव आयोग ने नामांकन प्रक्रिया को शुरु कर दिया है और 29 जून का अंतिम तारीख तय किया है।
इन सभी के बीच में एक नामांकन ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है। जिनका नाम लालू प्रसाद यादव है। राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की यादव ने योजना बना ली है और उनका विश्वास है कि इस चुनाव में एक बिहारी उम्मीवार होना चाहिए।
हालांकि, यहां एक मोड़ आ गया है, ये यादव राष्ट्रीय जनता दल यानी आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव नहीं हैं बल्कि सारण जिले के निवासी हैं। जो संयोग से उनके प्रसिद्ध नाम की वजह से उनकी कर्मभूमि है। यादव ने दावा किया है कि उन्होंने दिल्ली के लिए एक फ्लाइट की टिकट बुक करा दी है। जहां वह 15 जून को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
यह पहली बार नहीं है जब यादव राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। उन्होंने साल 2017 में कोविंद से मुकाबला किया था। यादव ने कहा कि मेरे पेपर को पिछली बार रद्द कर दिया गया था। क्योंकि मेरे पास प्रस्तावकों की पूरी संख्या नहीं थी। सारण जिले के मरहउरा विधानसभा के रहीमपुर गांव के निवासी यादव 42 साल के हैं। हालांकि वह भी एक बड़े परिवार की जिम्मेदारी निभाते हैं।
यादव ने कहा कि मैं जीविका के लिए कृषि का काम करता हूं और सामाजिक कार्यों में भी शामिल हूं। मेरे सात बच्चे हैं। मेरी सबसे बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि उनके जानने वाले उन्हें धरती पकड़ के नाम से जानते हैं जिसका अर्थ होता है पृथ्वी से चिपके रहने वाले। वह अपने पर गर्व करते हुए कहते हैं कि राजद सुप्रीमो ने 2014 के लोकसभा चुनावों में अपनी पत्नी राबड़ी देवी की हार के लिए मुझे दोषी माना था।
लालू यादव ने नगर पंचायत से लेकर राष्ट्रपति चुनाव तक अपने किस्मत को आजमाया है लेकिन कभी सफलता नहीं मिली लेकिन इसकी वजह से उन्होंने सबसे ज्यादा बार चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड दर्ज किया है।