मंगल पर मिले मिट्टी के तलछट और झील होने के सबूत… क्‍या अरबों साल पहले वहां जीवन था?

अंतरिक्ष मिशनों और गहन रिसर्च के जरिए खगोलविद मंगल ग्रह पर जीवन के संकेत (life on mars) खोजने में लगे हुए हैं। अब एक लेटेस्‍ट स्‍टडी ने संकेत दिया है कि मंगल ग्रह का एक क्षेत्र ‘बार-बार रहने योग्य’ रहा होगा। वैज्ञानिकों ने यह निष्‍कर्ष लाल ग्रह के मार्गारीटिफर टेरा रीजन (Margaritifer Terra region) के अंदर मिट्टी के असर वाले तलछट (Sediments) की खोज करके निकाला है। इस क्षेत्र में कुछ सबसे व्यापक रूप से संरक्षित भू-आकृतियां हैं। यह इसकी सतह पर बहते पानी द्वारा बनाई गई थीं।
प्लैनेटरी साइंस इंस्टि‍ट्यूट की सीनियर साइंटिस्‍ट और प्रमुख लेखक कैथरीन वीट्ज ने इकारस में पब्लिश पेपर में कहा है कि मिट्टी की मौजूदगी जीवन के लिए अनुकूल वातावरण के बारे में बताती है, क्‍योंकि यह उन स्थितियों में स्‍टेबल रहती है, जहां लंबे वक्‍त तक पानी की मौजूदगी होती है। इस स्‍टडी के लिए रिसर्चर्स ने नासा के हाई रेजॉलूशन इमेजिंग साइंस एक्सपेरिमेंट (HiRISE), कॉन्टेक्स्ट कैमरा (CTX) और कॉम्पैक्ट रिकोनिसेंस इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर से डेटा का विश्लेषण किया। 
कैथरीन वीट्ज के अनुसार, उन्होंने ऑर्बिटल इमेजेस को स्कैन किया। इन तस्‍वीरों में उत्तरी लाडोन वालेस, दक्षिणी लाडोन बेसिन और लाडन बेसिन के आसपास के ऊंचे इलाकों के अंदर मिट्टी के असर वाले तलछट दिखाई दिए। वैज्ञानिकों का मानना है कि लाडोन वैलेस और लाडन बेसिन के अंदर कभी एक झील हुआ करती थी। 
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस झील और मिट्टी की मौजूदगी ने मंगल ग्रह पर उस समय जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाई होंगी। वैज्ञानिकों का मानना है कि लाडोन बेसिन क्षेत्र की सतह पर कभी पानी बहता था। यह सब लगभग 1.8 अरब साल पहले शुरू हुआ।
रिसर्चर्स ने निष्‍कर्ष न‍िकाला है कि मिट्टी पहले लाडोन बेसिन में पुराने ऊंचाई वाले इलाकों में जमा हुई थी। बाद में पानी ने मिट्टी से भरी तलछट को बर्बाद करते हुए लाडन वैलेस चैनल का निर्माण किया। इसके बाद मिट्टी लाडोन बेसिन और उत्तरी लाडन वालेस इलाके में झील में नीचे की ओर जमा हो गई।
वैज्ञानिक इस स्‍टडी के नतीजों से उत्‍साहित हैं। उन्‍हें उम्‍मीद है कि इससे मंगल ग्रह पर जीवन के निशान ढूंढने में और मदद मिलेगी। आने वाले मिशनों और स्‍टडी के लिए भी यह फायदेमंद हो सकती है।