
राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने कालेजों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए अब 10 साल से असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर पढ़ा रहे शिक्षकों को एसोसिएट प्रोफेसर बनाने का निर्णय लिया है। पहली बार कालेजों में भी एसोसिएट प्रोफेसर के पद होंगे। असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर बनेंगे तो सेटअप में असिस्टेंट प्रोफेसरों के रिक्त पदों की संख्या भी बढ़ जाएगी। ऐसे में आने वाले समय में और असिस्टेंट प्रोफेसर पद रिक्त होने से भर्तियां करने का रास्ता खुल जाएगा। कांग्रेस की सरकार आने के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर के 1384 रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया हुई है।
एसोसिएट प्रोफेसर एक रैंक है जो असिस्टेंट प्रोफेसर के ऊपर एक पायदान है। कुछ राज्यों में कालेज व विश्वविद्यालयों में तीन से चार वर्षों के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर को एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर पदोन्न्ति दी जाती है। प्रदेश के कालेजों में अभी तक एसोसिएट प्रोफेसर के पद का सेटअप ही नहीं है। गौरतलब है कि प्रदेश में 15 वर्षों से असिस्टेंट प्रोफेसरों की पदोन्न्ति नहीं हो पाई है। कई वरिष्ठ असिस्टेंट प्रोफेसर अब सेवानिवृत्त होने की कगार हैं।
उच्च शिक्षा विभाग के सचिव भुवनेश यादव ने कहा, असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर पढ़ा रहे शिक्षकों को एसोसिएट प्रोफेसर पदनाम देने के लिए वित्त विभाग को फाइल भेजी गई है।
अभी कालेजों में यह है पदों की संरचना
पदनाम स्वीकृत कार्यरत रिक्त
स्नातकोत्तर प्रिंसिपल 58 21 37
स्नातक प्रिंसिपल 218 45 173
प्रोफेसर 595 00 595
असिस्टेंट प्रोफेसर 4320 2131 2189
स्पोर्ट्स आफिसर 146 75 71
लाइब्रेरियन 154 86 68
रजिस्ट्रार 18 03 15
कुल पद 5,509 2,361 3,148
(उच्च शिक्षा विभाग के वार्षिक प्रतिवेदन 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार)