मोदी राज में ग्रामीण मज़दूरों की दुर्दशा

मोदी राज में ग्रामीण मज़दूरों की दुर्दशा(आलेख : प्रभात पटनायक, अंग्रेजी से अनुवाद : राजेंद्र शर्मा) अब तक अनेक शोधकर्ताओं द्वारा यह अच्छी तरह से साबित किया जा चुका है कि ग्रामीण भारत में मजदूरी की वास्तविक दरें, चाहे वह खेत मजदूरों का मामला हो या आम तौर पर ग्रामीण मजदूरों का, 2014-15 से 2022-23 … Read more

सीएए पर गृह मंत्रालय का ‘पॉजि़टिव नैरेटिव’ झूठ और अर्द्ध-सत्य का घालमेल है(आलेख : सिद्धार्थ वरदराजन)

सीएए पर गृह मंत्रालय का ‘पॉजि़टिव नैरेटिव’ झूठ और अर्द्ध-सत्य का घालमेल है(आलेख : सिद्धार्थ वरदराजन) केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के भेदभावपूर्ण होने के आरोपों का खंडन करने की कोशिश के तहत 12 मार्च को सवालों और जवाबों की एक सूची जारी की थी। यह दस्तावेज़ बेतुकेपन की मिसाल है। यह एक … Read more

डगमग-डगमग होवै कुर्सी, धर्म को आगे करता है!(आलेख : राजेंद्र शर्मा)

डगमग-डगमग होवै कुर्सी, धर्म को आगे करता है!(आलेख : राजेंद्र शर्मा) चुनाव के इकतरफा होने की संभावनाओं में गिरावट का यह रुझान देशव्यापी है। लेकिन, इसके साथ यह और जोड़ दें कि यह देशव्यापी रुझान सिर्फ इस पहले चरण तक ही सीमित रहे और आगे पलट जाए, इसके आसार भी कम ही हैं। 2019 और … Read more

सूरत : मोदी राज में लोकतंत्र की सीरत और वन नेशन, वन इलेक्शन के पीछे की नीयत

सूरत : मोदी राज में लोकतंत्र की सीरत और वन नेशन, वन इलेक्शन के पीछे की नीयत सूरत में जो हादसा हुआ है, वह किसी भी सभ्य समाज और परिपक्व लोकतंत्र पर एक बदसूरत धब्बा है – इसलिए यह सिर्फ सूरत का हादसा नहीं है। जैसा कि अब तक लगभग सब जान चुके हैं कि … Read more

बदलने भी दो यारो!(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)

बदलने भी दो यारो!(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) ये विरोधी, मोदी जी का विरोध करने के लिए और कितने नीचे जाएंगे। बताइए, अब इसका भी विरोध कर रहे हैं कि दूरदर्शन समाचार का लोगो क्यों बदल दिया? और लोगो की लिखत बदली तो बदली, लोगो का रंग क्यों बदल दिया? और रंग भी बदला तो बदला, … Read more

अविश्वास प्रस्ताव : इस हार में भी जीत है!

अविश्वास प्रस्ताव : इस हार में भी जीत है!(आलेख : राजेन्द्र शर्मा) सुप्रीम कोर्ट के मानहानि के मामले में सजा पर रोक लगाने के बाद, राहुल गांधी की लोकसभा में वापसी के लिए, अविश्वास प्रस्ताव पर बहस से उपयुक्त दूसरा मौका नहीं हो सकता था। कहने की जरूरत नहीं है कि राहुल गांधी, अविश्वास प्रस्ताव … Read more

कॉमन सिविल कोड : न कॉमन की चाहत है, ना इरादा ही सिविल है(आलेख : बादल सरोज)

कॉमन सिविल कोड : न कॉमन की चाहत है, ना इरादा ही सिविल है(आलेख : बादल सरोज) 🔵 14 जून को अचानक भाजपा नीत केंद्र सरकार की प्रज्ञा जाग्रत हुयी और अपने विधि विभाग की ओर से उसने समान नागरिक संहिता – कॉमन सिविल कोड – पर एक बार फिर देश भर से सुझाव, सलाहें … Read more

इमर्जेंसी स्पेशल अघोषित फ्लेवर वाली(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)

इमर्जेंसी स्पेशल अघोषित फ्लेवर वाली(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) विपक्ष वालों की ये तो हद्द ही है। मोदी जी ने किसी ऐरी-गैरी जगह में नहीं, अमेरिका के व्हाइट हाउस में घुसकर बता दिया; अकेले-दुकेले में नहीं, बाकायदा प्रेस के सामने एलान कर के बता दिया कि डेमोक्रेसी उनकी सरकार के डीएनए में है। फिर भी ये … Read more

दिल्ली : तानाशाही का हमला जारी है

आलेख : राजेन्द्र शर्मा राजधानी दिल्ली के प्रशासनिक तंत्र और खासतौर पर नौकरशाही के ढांचे पर अपना सीधा नियंत्रण बनाए रखने के लिए, मोदी सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए अध्यादेश के खिलाफ शब्दश: पूरा विपक्ष अगर एकजुट न हो, तो ही हैरानी की बात होगी। बेशक, मोदी राज के लिए, इस विधेयक के … Read more

एंटीनेशनल कर्नाटक का परिणाम ओर गोदी मीडिया का विधवा विलाप

व्यंग्य : राजेन्द्र शर्मा हो लें एंटीनेशनल कर्नाटक के नतीजे पर खुश। और अब तो इनके सीएम का भी फैसला हो गया। न कोई टूटा, न कोई फूटा। हो लें, इस पर भी खुश। बल्कि किसी बड़ी-सी जगह पर पब्लिक और सारे एंटीनेशनल नेताओं की खूब भीड़ जुटाकर, मना लें जीत की खुशी। पर हम … Read more