जितना गहरा खोदोगे, जल निकलेगा!!
हाल के दिनों में भारतीय राजनीति का सबसे उल्लेखनीय पहलू उस नैरेटिव – आख्यान – का ध्वस्त होना है, जिसे बड़ी चतुराई और तरतीब से गढ़कर आम बना दिया गया था। यह आख्यान “विपक्ष कहीं दिखता ही नहीं है” से शुरू हुआ था और “विपक्ष कहाँ है” से होता हुआ, अब तो युग-युगों तक “मोदी … Read more