हरियाणा सरकार द्वारा गठित अर्ध सैनिक कल्याण बोर्ड के नाम पर लाखों पैरामिलिट्री परिवारों के साथ धोखा

6 सालों से गठित कल्याण बोर्ड में सेवारत व सेवानिवृत्त परिवारों की लिस्ट ही नहीं तो फिर कल्याण कैसे सम्भव? हर साल 100 करोड़ से ऊपर का बजट कल्याण के नाम सरकार द्वारा दिया जाता है।

रणबीर सिंह, महासचिव – कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियरस वेलफेयर एसोसिएशन


कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियरस वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा जारी प्रैस विज्ञप्ति में कहा गया है कि हरियाणा सरकार द्वारा 27 दिसम्बर 2016 को सैनिक कल्याण बोर्ड का नाम बदलकर साथ में अर्धसैनिक कल्याण बोर्ड की तख्ती लगा दी गई।

उपरोक्त बोर्ड में सभी कार्यरत हवलदार, सुबेदार, क्लर्क, कप्तान, कर्नल पुर्व सैनिक हैं जिनका अर्द्धसैनिको की पैंशन, पुनर्वास एवं भलाई से कोई लेना देना नहीं। अगर कोई पुर्व अर्धसैनिक अपनी पैंशन के मसलें को लेकर जाता है तो रटा रटाया जवाब मिलता है कि आपका कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है यहां सिर्फ केवल सेना के जवानों के मुद्दे निपटाए जाते हैं । 6 सालों से गठित कल्याण बोर्ड में सेवारत व सेवानिवृत्त परिवारों की लिस्ट ही नहीं तो फिर कल्याण कैसे सम्भव ? हर साल 100 करोड़ से ऊपर का बजट कल्याण के नाम सरकार द्वारा दिया जाता है । हरियाणा सरकार बताए कि अर्ध सैनिक परिवारों के लिए कितना पैसा कल्याण के लिए खर्च किया गया।


महासचिव रणबीर सिंह ने कहा कि आने वाले अक्टूबर महिने से पुर्व अर्धसैनिकों द्वारा हरियाणा के सभी जिलों में रैली एवं धरना प्रदर्शन किए जाएंगे ओर सरकार द्वारा लाखों पैरामिलिट्री परिवारों के प्रति उदासीनता व गैरजिम्मेदाराना रवैए को लेकर जनजागरण अभियान चलाए जाएंगे। माननीय मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए समय ना देने से पुर्व अर्धसैनिकों में भारी रोष एवं निराशा व्यापत है।