Saturday, April 20, 2024

सिरपुर को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय के रूप में विकसित करने और पहचान दिलानें शासन कटिबद्ध

सहयोगी पत्रकार : किशोर कर ( महासमुंद )….

सिरपुर, डोंगरगढ़ और मैनपाट को टूरिज्म सर्किट से जोड़ने की तैयारी : मुख्यमंत्री बघेल

सिरपुर में होंगे दो करोड़ रूपए से ज्यादा के विकास निर्माण कार्य

महासमुन्द 13 मार्च 2021/ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सिरपुर बौद्ध महोत्सव एवं शोध संगोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सिरपुर को राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय हेरिटेज के रूप में विकसित करने और पहचान दिलानें की आवश्यकता है। इसके लिए शासन कटिबद्ध है। जो भी कदम उठाने पड़े वो उठाएं जायेंगे। सिरपुर बहुत ही विस्तृत है। जो लगभग 10 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इस तरह अन्य जगह विस्तारित बौद्ध केन्द्र नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सिरपुर, डोंगरगढ़ और मैनपाट को टूरिज्म सर्किट से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। पर्यटन सर्किट से जुड़ जाने से इस ओर सैलानियों का रूझान बढ़ेगा। जल्दी ही सिरपुर विश्व मानचित्र पर अंकित होगा।
मुख्यमंत्री ने आर्टिस्टों द्वारा बनाई गई पेंटिंग एक्जिविशन का अवलोकन किया तथा पेंटिंग की सराहना की।

मुख्यमंत्री बघेल ने इस मौकें पर उन्होंने सिरपुर के विकास के लिए 211.52 लाख के कार्याें की घोषणा की। इनमें 25 लाख रूपए से गेट का निर्माण, 73 लाख रूपए से सिरपुर मार्ग पर 04 तालाबों का सौंदर्यीकरण, 50 लाख रूपए से सिरपुर मार्ग पर 06 उपवन निर्माण, कोडार-पर्यटन (टैटिंग एवं बोटिंग) 38,052 रूपए से और सिरपुर के रायकेरा तालाब के लिए 25 लाख रूपए की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने मंच पर तथागत संदेश मासिक पत्रिका सिरपुर बौद्ध विशेषांक का विमोचन किया। हैलीपेड स्थल पर मुख्यमंत्री की आगवानी कलेक्टर डोमन सिंह एवं पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार ठाकुर ने किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार को अभी दो साल हुए है। पहले साल चुनाव में निकल गया। दूसरा साल कोरोना से निपटने में लगा। फिर भी उनकी सरकार ने छत्तीसगढ़ में कई विकास कार्य किए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आते ही किसानों से 2500 रूपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदा। उन्होंने गोधन न्याय योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस येाजना के तहत् गौ पशु पालकों से दो रूपए किलो की दर से गोबर की भी खरीदी की जा रही है। उन्होंने बताया कि लोकसभा की स्टैडिंग कमेटी द्वारा इस योजना को दूसरी राज्यों में लागू करने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का प्राचीनकाल से ही सभी क्षेत्रों में बढ़-चढ़कर योगदान रहा है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ ही संस्कृति, इतिहास को देश में पहचान दिलाने के लिए अनेकों कार्य राज्य सरकार द्वारा कराए जा रहे हैं। प्रदेश के गरीब बच्चों को भी अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा दिलाने के लिए प्रत्येक ब्लाॅक एवं नगरीय मुख्यालयों में प्रथम चरण में 52 स्वामी आत्मानंद अंगे्रजी माध्यम स्कूल खोलें गए हैं। इस वर्ष 119 नए विद्यालय खोलंे जा रहें है। इस तरह कुल 171 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलें जा रहें हैं। इसी तरह नवा रायपुर में गरीब बच्चों के लिए बोर्डिंग स्कूल खोला जा रहा हैं।

खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ हमेशा से देवभूमि रहा है। यहां शिव, वैष्णव, बौद्ध धर्मों के प्रमुख केन्द्र भी है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक ने भी संबोधित किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भदंत नागार्जुन सुरई ससई और आचार्य विचार साहेब का चींवर भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव एवं विधायक विनोद चंद्राकर, द्वारिकाधीश यादव एवं किस्मत लाल नंद, जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा पटेल, जनपद अध्यक्ष त्रिलोकी ध्रुव, सरपंच ललित धु्रव सहित देश के अलग-अलग प्रांतों से आए धम्म, कला-स्थापत्य, संस्कृति, साहित्य, इतिहासकार के वक्ताओं ने बुद्धजीवी उपस्थित थे। छत्तीसगढ़ हेरिटेज एंड कल्चरल फाॅउंडेशन के आयोजकों द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को शोध संगोष्ठी पर आधारित स्मारिका का पुस्तक भेंट किया।

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