हिंदी समावेशी भाषा है – प्रो. वर्मा

रायपुर। हिंदी दिवस पर आज नवगठित छत्तीसगढ़ साहित्य एवं संस्कृति संस्थान के समारोह में कुलपति डॉ केशरीलाल वर्मा ने कहा कि हिंदी में समरसता है और यह समावेशी भाषा है। हिंदी का लोकतंत्र विषय पर आयोजित समारोह में अनेक साहित्यकार उपस्थित थे।

प्रारंभ में बाल आश्रम और राष्ट्रीय विद्यालय समिति के अध्यक्ष अजय तिवारी और अन्य शिक्षकों ने अतिथियों का स्वागत किया। स्वागत भाषण देते हुए अजय तिवारी ने कहा कि हिंदी ने समूचे देश का मान बढ़ाया है। विशिष्ट अतिथि विधायक एवं पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि विश्व में तेजी से हिंदी का प्रसार बढ़ रहा है। यह संगठन छत्तीसगढ़ के साहित्यकारों और कलाकारों को एकजुट करेगा। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सुशील त्रिवेदी ने हिंदी के लोकतंत्र पर विस्तृत भाषण दिया।

उन्होंने कहा कि हिंदी के भीतर आतंरिक लोकतंत्र है। यह अन्य भाषाओं का सम्मान करती है। भारत के भाषाई लोकतंत्र को अंग्रेजों ने समाप्त कर दिया था। आजादी के बाद नया लोकतंत्र आया है। भागवत दुबे ने हिंदी में अंग्रेजी शब्दों के बढ़ते प्रयोग पर चिंता जताई।

अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ केशरीलाल वर्मा ने कहा कि विश्व में हिंदी का प्रसार बढ़ा है। हिंदी दिवस हमें आत्म मूल्यांकन का अवसर देता है। मुख्य अतिथि राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने कहा कि तुलसी ने जिस तरह रामराज्य के लोकतंत्र की व्याख्या कि है वैसा लोकतंत्र भारत में होना चाहिए। हिंदी अपनत्व की भाषा है।

समारोह का संचालन डॉ सुधीर शर्मा ने तथा आभार प्रकट जयप्रकाश मानस ने किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ मित्र के सितंबर अंक का विमोचन किया गया। उल्लेखनीय है कि मुख्य वक्ता विश्वनाथ प्रसाद तिवारी विमान सेवा में व्यवधान के कारण नहीं आ सके।