कोरोना काल में पढ़ाई के लिए ऑनलाइन माध्यम का उपयोग किया गया। गर्मी छुट्टी के बाद अब राज्य के सरकारी व निजी स्कूलों में ऑफलाइन पढ़ाई शुरू हो चुकी है। लेकिन बच्चों का ऑनलाइन से नाता नहीं टूटेगा। उसके हाथ से मोबाइल नहीं छुटेगा। दरअसल, बच्चों को इस पर होमवर्क दिए जा रहे हैं। जरूरी सूचनाएं भी मोबाइल पर दे रहे हैं। हालांकि, कोरोना काल से पहले स्कूल वाले ही बच्चों को मोबाइल से दूर रहने के लिए कहते थे।
ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद 16 जून से राज्य के स्कूल खुल चुके हैं। सरकारी स्कूलों में पहले दिन से ही छोटे बच्चों के साथ बड़े बच्चों की पढ़ाई शुरू कर दी गई। लेकिन कई निजी स्कूल ने पहले बड़े बच्चों की कक्षाएं शुरू की। इसके बाद छोटे बच्चों की कक्षाएं शुरू की। 24 जून के बाद से सभी स्कूलों में ऑफलाइन पढ़ाई शुरू कर दी गई है।
मोबाइल पर जरूरी सूचना और होमवर्क
स्कूलों में पढ़ाई को लेकर मार्च 2020 के बाद यह स्थिति बनी है, जब राज्य के सरकारी व निजी स्कूलों में पूरी तरह से ऑफलाइन पढ़ाई हो रही है। जानकारी के मुताबिक पिछले सत्र में अगस्त 2021 से कक्षाएं शुरू हुई। तब सरकारी स्कूलों में ऑफलाइन क्लास शुरू हुई और ऑनलाइन भी चलती रही। निजी स्कूलों में सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई हुई। अब स्थिति अलग है। स्कूलों में फिर से पुरानी स्थिति लौटी है। इसमें नया यही है कि मोबाइल पर स्कूलों से जरूरी सूचना के साथ ही अब होमवर्क भी दिए जा रहे हैं।
हिंदी, इंग्लिश और गणित पर विशेष जोर
कोराेना काल में स्कूल लंबे समय तक बंद रहे। ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई हुई। परीक्षाएं भी ऑनलाइन हुई या फिर जनरल प्रमोशन दिया गया। इससे बच्चे अगली कक्षा में तो चले गए लेकिन उनका स्तर कमजोर पाया गया। शिक्षा विभाग की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा भी हुआ कि बच्चों का स्तर संबंधित कक्षा के अनुसार नहीं है। इसे लेकर बच्चों का स्तर सुधारने के लिए तैयारी की गई है। अफसरों का कहना है कि छोटे बच्चांे को हिंदी व इंग्लिश में सही से लिखना-पढ़ना आना चाहिए। इसके अलावा गणित का भी उन्हें ज्ञान हो। इस पर फोकस किया जा रहा है।
कोरोना काल में स्कूल लंबे समय तक बंद रहने की वजह से बच्च में लर्निंग गेप आया है। इसे ठीक करने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए जाएंगे। पिछली कक्षा में ऑनलाइन माध्यम से जो पढ़ाई हुई उसकी भी क्लास में चर्चा होगी। -रघुनाथ मुखर्जी, प्राचार्य, डीपीएस रायपुर
स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं बंद हैं। ऑफलाइन पढ़ाई शुरू हो चुकी है। लेकिन कोरोना ने हमें नए तरह के अनुभव दिए हैं। इसका उपयोग बेहतरी के लिए किया जा रहा है। जैसे बच्चों और उनके पैरेंट्स को जरूरी सूचना अब मोबाइल पर मिल जा रही है। -राजीव गुप्ता, अध्यक्ष, छग प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन