पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने की जरूरत

Chhattisgarh Digest News Desk ; Edited by : Nahida Qureshi, Farhan Yunus.

नई दिल्ली: चीन ने पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल सहित सीमा के मुद्दे पर भारत के साथ सभी मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने पर जोर दिया है. चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान का यह बयान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की ओर से एक वेबसाइट पर दिए एक इंटरव्‍यू के बाद आया है, जिसमें जयशंकर ने कहा था कि LAC के साथ गतिरोध के चलते इस वर्ष, दोनों देशों के बीच 1962 के युद्ध (Indo-China War) के बाद से सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति बनी हुई है.

वू ने अपने बयान में कहा, ‘द्विपक्षीय संबंधों की बड़ी तस्वीर को ध्यान में रखते हुए भारत और चीन को गलतफहमी से बचने, विवादों में आगे बढ़ने से रोकने और द्विपक्षीय संबंधों को वापस लाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है. गौरतलब है कि सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच सैन्‍य और कूटनीतिक स्‍तर पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन जून में हुए हिंसक संघर्ष के बाद पूर्वी लद्दाख के हिस्‍सों से दोनों देशों के सैनिकों के सीमित स्‍तर पर ही पीछे हटने की प्रक्रिया पर ही काम हो पाया है.

गौरतलब है कि लद्दाख को लेकर गतिरोध के तहत इस वर्ष की शुरुआत में चीनी आर्मी ने वहां कैंप स्‍थापित कर लिए थे. दोनों दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद इस मसले का सर्वसम्‍मत हल नहीं निकल सका है.भारत और चीन के बीच सीमा गतिरोध की परिणति बाद में हिंसक झड़प के रूप में हुई थी.

15 जून को गलवान घाटी पर दोनों देशों के सैनिकों की हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों को जान गंवानी पड़ी थी. झड़प में चीन को भी काफी नुकसान हुआ था. खबरों के मुता‍बिक संघर्ष में चीन के करीब 45 सैनिकों को या तो जान गंवानी पड़ी थी या वे गंभीर रूप से घायल हुए थे.

इस बीच सीमा विवाद पर भारत के विदेश मंत्रालय का कहना है कि सैनिकों के पूरी तरह से पीछे हटने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के अपनी-अपनी ओर नियमित चौकियों की तरफ भारत, चीन को सैनिकों की पुन: तैनाती किये जाने की आवश्यकता है. मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने कहा, हाल में हुई वार्ता में, दोनों पक्ष लंबित मुद्दों को शीघ्रता से हल करने के लिए सहमत हुए.

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