रायपुर. कुशभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय कार्य परिषद के सदस्य राजकुमार सोनी के द्वारा कुलपति को लिखे गए कड़े पत्रों के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत में आ गया है.
राजकुमार सोनी के पत्र के बाद विश्वविद्यालय के कुल सचिव ने पिछले कई सालों से छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी निमोरा में प्रतिनियुक्ति पर गए सहायक प्राध्यापक डॉ. अभिषेक दुबे की सेवाओं को वापस लौटाने के लिए प्रशासन अकादमी के संचालक को खत लिखा है.
बता दें कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में आज तक भौतिक सत्यापन नहीं हुआ था. पत्र के बाद पहली बार विभाग के कर्ताधर्ता यह सूची बनाएंगे कि कौन सी चीजें उपयोगी है और कौन सी अनुपयोगी.
कुलसचिव ने यह माना है कि अभिषेक दुबे वर्ष 2017 में मात्र तीन साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए थे, लेकिन बाद के वर्षों में उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति के बगैर बढ़ा दी गई. कुल सचिव ने लिखा है कि अभिषेक दुबे प्रबंधन विभाग के एक मात्र नियमित शिक्षक है. उनकी अनुपस्थिति से विश्वविद्यालय के अध्ययन-अध्ययन का काम पूरी तरह से प्रभावित हो गया है.
ज्ञात हो कि राजकुमार सोनी ने कुछ दिनों पहले विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया था और कई तरह की समस्याओं और गड़बड़ियों की तरफ कुलपति का ध्यान आकृष्ट किया था. उनके निरीक्षण के उपरांत विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी विभाग प्रमुखों को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के लिए निर्देशित किया है.
राजकुमार सोनी ने विश्वविद्यालय के हर कोने में व्याप्त कबाड़ को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए थे. उनके खत के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने टूटे-फूटे सामानों का पंचनामा कर अपलेखन की कार्रवाई करने के लिए छह सदस्यीय समिति भी गठित की है.
इधर राजकुमार सोनी ने बताया कि उन्होंने कार्य परिषद की बैठक शीघ्र-अतिशीघ्र आयोजित करने की मांग की है. उन्होंने बताया कि वे एक बार फिर विश्वविद्यालय का भ्रमण करेंगे और अतिथि शिक्षकों, शिक्षकों, विद्यार्थियों, अधिकारियों और वहां कार्यरत कर्मचारियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं से रू-ब-रू होंगे. सोनी ने कहा कि विश्वविद्यालय में चल रही गड़बड़ियों पर सतत निगरानी रखी जा रही हैं. गत 15 सालों में विश्वविद्यालय में जो एजेंडा संचालित किया जाता रहा है वह एजेंडा अब संचालित नहीं होने दिया जाएगा.