अदम्य साहस और सर्वोच्च कर्तव्य परायणता के लिए दोनों पांव गंवा चुके सहायक कमांडेंट विभोर को शौर्य चक्र से सम्मानित करने की मांग - रणबीर सिंह
नई दिल्ली :
सीआरपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट विभोर कुमार सिंह 205 बटालियन कोबरा जो कि दिनांक 25 फरवरी 2022 को जिला जहानाबाद के घने जंगलों में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में अपनी दोनों टांगें राष्ट्र के लिए गंवा बैठे। घायल अवस्था में होने के बावजूद धैर्य और युद्ध कौशल का प्रदर्शन करते हुए अपने जवानों की हौसला अफजाई व टीम मनोबल बढाते रहे ओर फायर का जवाब फायर से देते रहे।
कॉनफैडरेसन महासचिव रणबीर सिंह ने प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि असिस्टेंट कमांडेंट विभोर कुमार सिंह द्वारा निभाई गई उच्च कोटि के सर्वोच्च कर्तव्य परायणता एवं कमांड कंट्रोल, आई डी ब्लास्ट में पांव उड़ जाने, तीव्र रक्तश्राव, अत्यंत गंभीर घायल अवस्था में अपने ट्रूप्स के मनोबल एवं हौसला अफजाई एवं अदम्य साहस प्रदर्शन के लिए आईजी बिहार सैक्टर द्वारा शौर्य चक्र देने साथ ही हवलदार रेडियो आपरेटर सुरेंद्र यादव को पीपीएमजी पदक से सम्मानित करने हेतु डीजी बिहार पुलिस व विशेष पुलिस महानिदेशक सीआरपीएफ कोलकाता को संस्तुति भेजी गई।
रणबीर सिंह ने कहा कि अदालती जांच कमेटी व आईजी बिहार सैक्टर सीआरपीएफ द्वारा 205 कोबरा असिस्टेंट कमांडेंट विभोर कुमार सिंह के अदम्य साहस व उत्कृष्ट शौर्य पराक्रम के लिए शौर्य चक्र के लिए उच्चतम स्तर के अधिकारियों को की गई संस्तुति की प्रसंशा की।
यहां तक तो ठीक है लेकिन माननीय सीआरपीएफ महानिदेशक द्वारा अभी 21 सितम्बर को नक्सलवाद समस्या पर प्रैस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए जांबाज विभोर कुमार सिंह कोबरा जो कि ऑपरेशन के दौरान अपने दोनों पांव गंवा चुके हैं उन्हें पदक देने से मना कर दिया। माननीय डीजी साहब द्वारा यह कहना कि ऐसे ऑपरेशन में पदक नहीं दिया जाता जब तक कोई उपलब्धि ना हो। इससे बड़ी कामयाबी ओर क्या होगी वरना बहुत जान माल का नुक़सान फोर्स को उठाना पड़ सकता था। कोबरा सहायक कमांडेंट के साहस को दाद देनी पड़ेगी कि उनका एक पैर ब्लास्ट में उड़ जाने के बावजूद अपने ट्रूप्स को उच्च कोटि का नेतृत्व प्रदान किया। डीजी सीआरपीएफ द्वारा डिप्टी कमांडेंट विकास कुमार 208 कोबरा व असिस्टेंट कमांडेंट नितिन भालेराव कोबरा 206 बटालियन की शहादत का जिक्र भी किया जिनको मरणोपरांत पदक से सम्मानित नहीं किया गया।
अब सवाल उठना लाजिमी है कि शहीद भालेराव व शहीद विकास कुमार या जिंदा शहीद विभोर कुमार सिंह के बीवी बच्चों, बुड्ढे मां बाप पर क्या गुजरेगी? जब 30 सितम्बर को रिटायर हो रहे महानिदेशक सीआरपीएफ द्वारा सार्वजनिक तौर पर प्रैस को संबोधित करते हुए जब शहीद परिवार ये विडियो देखेंगे जिन कोबरा आफिसर्स द्वारा देश की खातिर अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। कोबरा ने कर्तव्य की बलि वेदी पर अपने दोनों पांव व बाएं हाथ की उंगलियां राष्ट्र हित मे चढा दिए तो फिर बचा क्या। आईजी सीआरपीएफ जो कि हैड आफ डिपार्टमेंट होते हैं उनके द्वारा कोबरा के अदम्य साहस एवं सर्वश्रेष्ठ कर्तव्य परायणता के लिए शौर्य चक्र की संस्तुति को माननीय महानिदेशक महोदय कैसे नजरअंदाज कर सकते है? कॉनफैडरेसन इसका विरोध दर्ज करती है। ज़िंदा शहीद विभोर कुमार सिंह को बड़े से बड़ा चक्र भी उनके सम्मान में कम पड़ जाएगा।
कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियरस वेलफेयर एसोसिएशन देश की एकमात्र अकेली संस्था जो कि सेवारत, सेवानिवृत एवं शहीद परिवारों के भलाई संबंधित मुद्दों को लेकर समय समय पर आवाज उठाती आई है। कॉनफैडरेसन चेयरमैन पुर्व एडिशनल डीजी सीआरपीएफ एच आर सिंह ने डीजी सीआरपीएफ द्वारा की गई प्रैस कॉन्फ्रेंस में कोबरा आफिसर्स द्वारा दी गई शहादत का कहीं अपमान तो नहीं ? उन विरांगनाओं पर क्या बीतेगी? आप तो डीजी साहब स्टेटमेंट जारी कर रिटायर चले जाएंगे। क्या आप के द्वारा कहे गए शब्दों का असर कोबरा बटालियन के जवानों एवं आफिसर्स के कर्तव्य परायणता एवं निष्ठा पर डालेगा जो पिछले 20 सालों से नक्सली प्रभावित राज्यों में लाल आतंक से जूझ रहे हैं ओर जिन्होंने सैंकड़ों शहादते दी है।
ज्ञातव्य रहे कि 26 जुलाई 2022 को एसोसिएशन प्रतिनिधि मंडल द्वारा डीजी सीआरपीएफ श्री कुलदीप सिंह से फोर्सेस भलाई संबंधित मुद्दों को लेकर महानिदेशालय लोधी कॉम्लेक्स में मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा गया था। पुर्व अर्धसैनिक बलों के भलाई के लिए बना गृह मंत्रालय के अधिन कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड जिसके स्वयं डीजी साहब चेयरमैन हैं। महानिदेशक महोदय से गुजारिश की गई कि वार्ब की केंद्रीय स्तर पर मीटिंग बुलाई जाए ताकि विभिन्न राज्यों में कार्यरत वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि भाग लेकर अपनी कल्याण संबंधित मुद्दों को आपके संज्ञान में ला सकें लेकिन चिंता का विषय आज तक बैठक नहीं हो पाई फिर कल्याण कैसे सम्भव।