ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के सामाजिक-आर्थिक समावेशन के लिए राज्य सरकार के नौकरियों में दो प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का अनुरोध-छत्तीसगढ़ मितवा संकल्प समिति

राज्यपाल अनुसुईया उइके से मिलकर ट्रांसजेंडर समुदाय ने आरक्षण की मांग की है। राजभवन में राज्यपाल अनुसुईया उइके से छत्तीसगढ़ मितवा संकल्प समिति के अध्यक्ष और तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड की सदस्य विद्या राजपूत के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की।

मितवा संकल्प समिति के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से की मुलाकात
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के सामाजिक-आर्थिक समावेशन के लिए राज्य सरकार के नौकरियों में दो प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का अनुरोध किया है। राज्यपाल ने उन्हें हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। राज्यपाल को राजपूत ने ट्रांसजेंडर समुदाय के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक समस्याओं से अवगत कराया और ट्रांसजेंडरों के लिए मौजूदा योजनाओं के संबंध में संबंधित विभागों को दिशानिर्देश देने के संबंध में ज्ञापन देकर समस्याओं के निराकरण करने के लिए अनुरोध किया। साथ ही महिला बाल विकास विभाग के सक्षम योजना के तहत लाभार्थी ट्रांस महिलाओं के कर्ज अथवा ब्याज माफ करने का भी अनुरोध किया।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड बनने के बाद उनकी स्थिति में सकारात्मक बदलाव आया है। उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) कानून 2019 की धारा आठ के तहत ट्रांसजेंडर समुदाय के उच्च् शिक्षा, वृद्धावस्था पेंशन और परिवार प्रोत्साहन के लिए पृथक योजनाएं बनाने की भी मांग की। प्रतिनिधिमंडल में रवीना बरिहा, सबूरी यादव, तनुश्री साहू, कृषि तांडी और पापी देवनाथ शामिल थे। इस मौके पर राज्यपाल ने विद्या राजपूत को शाल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।