Chhattisgarh Digest News Desk ; Edited by : Nahida Qureshi, Farhan Yunus.
नई दिल्ली: कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक (CWC meeting) में राहुल गांधी के संबोधन को लेकर मचे बवाल के बाद कांग्रेस (Congress) की ओर से सफाई आई है. कांग्रेस पार्टी की ओर से कहा गया है कि राहुल (Rahul Gandhi) ने ‘बीजेपी के साथ मिलीभगत’ जैसा या इससे मिलता-जुलता एक शब्द भी नहीं बोला था. इसके बाद वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) ने अपना ट्वीट वापस ले लिया है. सिब्बल ने कहा, ‘राहुल गांधी ने निजी तौर पर मुझे बताया है कि उन्होंने ऐसी कोई बात नहीं कही थी जो बताई जा रही है, इसके बाद मैंने अपना ट्वीट वापस ले लिया है.’
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गौरतलब है कि इससे पहले, इससे कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) ने CWC की मीटिंग में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की एक कथित टिप्पणी को लेकर नाराजगी जताई थी. सिब्बल ने कहा था कि उन्होंने पिछले 30 वर्षों में BJP के पक्ष में कोई बयान नहीं दिया, इसके बावजूद ‘हम BJP के साथ साठगांठ कर रहे हैं.’ सिब्बल ने बतौर वकील कांग्रेस को सेवा देने का उल्लेख करते हुए ट्वीट किया था, “राहुल गांधी का कहना है कि ‘हम BJP के साथ साठगांठ कर रहे हैं’. राजस्थान उच्च न्यायालय में कांग्रेस पार्टी का पक्ष रखते हुए सफल हुआ. मणिपुर में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने करने के लिए पार्टी का पक्ष रखा.”
कांग्रेस के एक अन्य नेता गुलाम नबी आजाद भी राहुल की इस कथित टिप्पणी से आहत दिखे थे. उन्होंने कहा था कि अगर BJP से सांठ-गांठ साबित हुई तो इस्तीफा देने को तैयार है. कांग्रेस कार्यसमिति की आज की बैठक घटनाप्रधान रही. CWC की बैठक शुरू होने के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि वो अब पद पर बने रहना नहीं चाहतीं और पार्टी उनकी जगह किसी ओर को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू करें. उनके इस्तीफे की बात कहने के बाद सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसका विरोध किया.
उन्होंने आग्रह किया कि वो पार्टी अध्यक्ष पद पर बनी रहें. सिंह ने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर हमला किया. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि चिट्ठी की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि ‘पार्टी के आलाकमान को कमजोर करना पार्टी को कमजोर करने के बराबर है.’सूत्रों के मुताबिक, दूसरे सीनियर नेता एक एंटनी ने राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर समर्थन किया. एंटनी ने कहा, ‘चिट्ठी से ज्यादा, चिट्ठी में लिखी गईं बातें क्रूर थीं’ उन्होंने ‘पार्टी के लिए सोनिया गांधी के बलिदानों’ की बात भी की. उन्होंने राहुल गांधी से पार्टी अध्यक्ष का पद संभालने का आग्रह किया.