Tuesday, April 16, 2024

बिहार : DGP गुप्तेश्वर के VRS के साथ विधानसभा चुनाव में उतरना माना जा रहा तय

बिहार : DGP गुप्तेश्वर के VRS के साथ विधानसभा चुनाव में उतरना माना जा रहा तय

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले लिया है। गृह विभाग की मंजूरी के बाद उनके वीआरएस के आवेदन को राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया है। अब उनका जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर बिहार विधानसभा चुनाव में उतरना तय माना जा रहा है। गुप्तेश्वर पांडेय की जगह फायर सर्विस और होमगार्ड के डीजी संजीव सिंघल को बिहार के डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

अभी बचा हुआ था 5 माह का कार्यकाल : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाने वाले गुप्तेश्वर पांडेय को पिछले साल 31 जनवरी को राज्य के डीजीपी पद की कमान सौंपी गई थी। अभी उनका करीब 5 महीने का कार्यकाल बचा हुआ था। बतौर डीजीपी उनका कार्यकाल अगले साल 28 फरवरी तक था मगर उन्होंने वीआरएस लेने का फैसला कर लिया। डीजीपी के पद से वीआरएस लेकर चुनाव मैदान में उतरने वाले वह राज्य के पहले अफसर होंगे।

जदयू के टिकट पर लड़ेंगे चुनाव : अब पांडेय का जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ना तय है। गुप्तेश्वर पांडेय ने अपने ट्वीट के जरिए कहा है कि वे 23 सितंबर को लाइव आकर लोगों को अपनी जुबानी अपनी कहानी बताएंगे। उनका सोशल मीडिया पर लाइव आकर अपनी कहानी बताना सियासत में उनके सक्रिय होने का इशारा माना जा रहा है।

सुशांत मामले में चर्चित हुए :हाल के दिनों में पूरे देश में चर्चा का विषय बने सुशांत मामले में गुप्तेश्वर पांडेय काफी सक्रिय थे। सुशांत मामले की जांच करने के लिए मुंबई पहुंची बिहार की पुलिस टीम के साथ अच्छा सलूक न करने पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। उन्होंने मुंबई पुलिस और बीएमसी पर बड़ा हमला किया था।

रिया की औकात पर खड़े किए थे सवाल :
इसके साथ ही सुशांत मामले में मुख्य आरोपी रिया चक्रवर्ती की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ सवाल उठाने पर भी वे भड़क गए थे। उन्होंने रिया चक्रवर्ती की औकात को लेकर सवाल खड़े किए थे जिस पर काफी विवाद हुआ था। बाद में उन्हें इसे लेकर काफी सफाई भी देनी पड़ी थी।

कड़क प्रशासक की रही है छवि :
गुप्तेश्वर पांडेय ने बिहार पुलिस में सेवा के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। वे विशेष शाखा में आईजी पद पर भी तैनात रहे हैं। इसके साथ ही वे मुजफ्फरपुर और दरभंगा जोन के आईजी तथा मुख्यालय पर एडीजी के तौर पर भी तैनात रह चुके हैं। सरकार के साथ ही लोगों के बीच भी उनकी अच्छी लोकप्रियता रही है और उनकी छवि अपराध पर काबू पाने वाले और कड़क प्रशासक की रही है।

रिया के वकील ने कसा तंज :
गुप्तेश्वर पांडेय के वीआरएस पर सुशांत मामले में आरोपी रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदे ने तंज कसा है। उनका कहना है कि पांडेय की वीआरएस की अर्जी पर केंद्र सरकार और बिहार सरकार ने 24 घंटे से भी कम समय में फैसला ले लिया।

उन्होंने कहा कि यह ठीक उसी तरह है जैसे बिहार सरकार की ओर से की गई अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने तुरंत सीबीआई जांच की मंजूरी दे दी थी। उन्होंने कहा कि आमतौर पर इतनी जल्दी फैसला नहीं किया जाता मगर पांडेय के मामले में इतनी जल्दी फैसले पर सवाल उठना लाजमी है।

2009 में भी लिया था वीआरएस :
वैसे यह पहला मौका नहीं नहीं है जब गुप्तेश्वर पांडेय ने सियासी मैदान में किस्मत आजमाने के लिए वीआरएस लिया है। उन्होंने 2009 में भी भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए वीआरएस लिया था मगर तब उन्हें बक्सर सीट से टिकट नहीं मिल सका था। इसके बाद उन्होंने एक बार फिर वापस पुलिस सेवा में आने के लिए अर्जी दी थी जिसे नीतीश सरकार ने मंजूरी दे दी थी।

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