बिलासपुर. कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए निजी स्कूलों की तर्ज पर शासन ने भी सरकारी स्कूलों के बच्चों को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से पढ़ाने की शुरुआत कर दी है। पढ़ाई तुहार दुआर योजना के तहत 4 हजार बच्चों को ही योजना का लाभ मिल रहा है। योजना से ज्यादा से ज्यादा बच्चों को जोडऩे के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में शासन स्तर से ही एक बच्चों के साथ कई बच्चे पढ़ सकें, इसकी व्यवस्था बनाने में राज्य माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधिकारी व शिक्षक लगे हुए हैं।
शासन स्तर पर पढ़ाई तुहार दुआर योजना शुरू हो गई। पहली से 12वीं तक के बच्चों को योजना से जोड़कर पढ़ाने की शुरुआत करने का आदेश भी जारी हो गया। लेकिन योजना को अमली जामा पहनाने के लिए छात्रों के पास स्मार्ट फोन का होना जरूरी है, जो अधिकतर बच्चों के पास नहीं है और यही कारण है कि पढ़ाई शुरू होने के बाद भी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश बच्चों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
यह किसी एक स्कूल या ब्लॉक का मामला नहीं है बल्कि यह स्थिति पूरे जिले की है। अधिकारियों ने बताया कि हर सरकारी स्कूल में बच्चे गरीब परिवार से आते हैं जिनके पास एंड्रायड फोन की सुविधा नहीं है, कुछ के पास है तो इंटरनेट डलवाने के लिए रुपए नहीं हैं। बच्चों की माली हालत को देखते हुए शिक्षक ही अपने स्तर पर कुछ न कुछ इंतजाम कर बच्चों को पढ़ाने की योजना बना रहे हैं। साथ ही ऐसे बच्चों को भी खोजा जा रहा है जिनके पास स्मार्ट फोन व इंटरनेट की सुविधा है। ग्रामीण या शहरी क्षेत्र के स्मार्ट फोन धारक ऐसे से बच्चों को उनके मोहल्ले के ही उनकी क्लास में पढऩे वाले अन्य बच्चों के साथ में वर्चुअल क्लास से जोडऩे का प्रयास चल रहा है।
भाजपा शासन काल में बंटे मोबाइलों की भी खोज खबर
पढ़ाई तुहार दुआर योजना की सफलता के लिए शिक्षा विभाग अपने स्तर पर उन गरीब परिवारों की खोज खबर भी ले रहा है जिन्हें योजना के तहत मोबाइल फोन मिला था। उन फोनों की स्थिति क्या है और अगर ठीक है तो यह भी बच्चों की वर्चुअल पढ़ाई में अहम भूमिका निभा सकता है।
वर्चुअल क्लास में रायगढ़ पहले व बिलासपुर तीसरे नम्बर पर
पढ़ाई तुहार दुआर योजना के तहत प्रदेश में ऑनलाइन स्कूलों का संचालन हो रहा है। प्रदेश में वर्चुअल क्लास में रायगढ़ पहले नम्बर व बिलासपुर तीसरे नम्बर पर है।
मनोज राय, नोडल अधिकारी, पढ़ाई तुहार दुआर योजना – पढ़ाई तुहार दुआर योजना के तहत बच्चों की शिक्षा तो शुरू हो चुकी है लेकिन अब तक ज्यादा बच्चे योजना से नहीं जुड़ सके हैं इसका कारण गरीब परिवार के बच्चों के पास मोबाइल नहीं है। शहरी व ग्रामीण सभी स्कूलों में यह समस्या है। बच्चों को जोडऩे के लिए प्रधानपाठक व प्राचार्यों के माध्यम से ऐसे बच्चों को भी खोजा जा रहा है जिनके पास मोबाइल है। इससे ज्यादा बच्चों को वर्चुअल क्लास का फायदा मिलेगा।