Saturday, July 27, 2024

आईजी बस्तर पी सुंदरराज का दावा : कोराजडोंगरी पहाड़ एवं मिनपा जंगल के पास सुरक्षाबलों एवं नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 15 माओवादी मारे गए व 20 से ज्यादा घायल हुए…

सुकमा जिला के मिनपा में मुठभेड़ के बाद आईजी बस्तर पी सुंदरराज ने अपना बयान जारी किया है। उन्होंने डीआरजी जवानों की जांबाजी का उल्लेख करते इस मुठभेड़ में कम से कम 15 माओवादियों के मारे जाने का दावा किया है।

अपने जारी बयान में आईजी बस्तर ने कहा कि ‘जिला सुकमा के चिंतागुफा-बुरकापाल क्षेत्रांतर्गत मिनपा-एलमागुड़ा-कोराजडोंगरी के जंगलों में सीपीआई माओवादी नक्सलियों की उपस्थििति की जानकारी होने पर चिंतागुफा एवं बुरकापाल कैम्प से DRG/STF/CoBRA की संयुक्त बल नक्सल अभियान हेतु रवाना हुये। 21 मार्च को दोपहर लगभग 1.30 बजे कोराजडोंगरी पहाड़ एवं मिनपा जंगल के पास सुरक्षाबलों एवं नक्सलियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। कोराजडोंगरी पहाड़ के पास हुई मुठभेड़ में DRG/STF/CoBRA द्वारा की गई जवाबी कार्यवाही के 40 मिनट बाद मुठभेड़ में लगभग 6 नक्सली जख्मी हुए जिन्हें माओवादी द्वारा कव्हरिंग फायर देते हुये अपने साथ लेकर Retreat हो गए।

इस दौरान मिनपा जंगल के पास बुरकापाल DRG/STF एवं माओवादियों के बीच में लगभग दोपहर 1.45 से 3.00 बजे के बीच में बुरकापाल DRG/STF द्वारा कम से कम 8 माओवादियों को मार गिराया लेकिन लगातार गोलीबारी होने से माओवादियों का शव व हथियार बरामद तत्काल नहीं की गई। माओवादियों के द्वारा अपना स्थिति को मजबूत करने के लिए दुलेड़ जंगल के तरफ से अन्य नक्सली टीम मिनपा पहुंचे।

इस परिस्थिति को देखते हुए चिंतागुफा DRG कोराजडोंगरी से आगे बढ़कर मिनपा के जंगल में बुरकापाल DRG/STF के साथ में शामिल होकर लगभग 3 घण्टे तक आर-पार की लड़ाई हुई। इस बीच DRG/STF के कुछ जवानों को माओवादियों के गोली व ग्रेनेड लगने से घायल हो गये। इसके बावजूद भी जवानों द्वारा लड़ाई को निर्णायक मोड़ तक ले जाने के उद्देश्य से घायल व बाकी साथियों द्वारा नक्सलियों से मात्र 20-25 मीटर की दूरी में पहुंचकर कई माओवादियों को मार गिराया गया। घायल जवानों द्वारा अपने जान की परवाह न करते हुये उच्चतम वीरता का परिचय देते हुए एकदम नक्सलियों के लोकेशन तक पहुंच कर और कई माओवादियों को मौत के घाट उतारे।

सुरक्षाबलों की ओर से पूरी ताकत से की गई कार्यवाही के कारण मारे गये एवं घायल जख्मी माओवादियों को साथ लेकर नक्सली Retreat होने लगे। इस संपूर्ण कार्यवाही घायल हुये सुरक्षाबल के वीर जवानों को साथ के सदस्यों द्वारा साथ लेकर ईलाज हेतु बुरकापाल कैम्प भेजा गया। जहां से 15 घायल जवानों को 21 मार्च की रात में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से रायपुर भेजा गया।

शेष अन्य 17 DRG/STF के जवानों जो नक्सलियों के चक्रव्यूह तक पहुंचकर उन्हें पीछे खदेड़ने में अपने हथियार के अंतिम गोली तक लड़ते हुये वीरगति को प्राप्त हुए। रात में STF एवं CoBRA Team आस-पास जंगल में Position को hold कर रखा। अगले दिन सुबह घटना स्थल से 17 वीरगति को प्राप्त जवानों के पार्थिव शरीर को बरामद किया गया। शहीद जवानों को राजकीय सम्मान के साथ सलामी दी गई।

आईजी बस्तर ने दावा किया कि​ विगत वर्षों में यह पहला अवसर है कि जिसमें सुरक्षाबल-माओवादियों के बीच आमने-सामने की युद्ध जैसी परिस्थिति में मुठभेड़ हुआ। अभी तक विभिन्न सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार माओवादियों के बटालियन नं. 01, CRC कंपनी एवं PLGA प्लाटून के कम से कम 15 से अधिक माओवादी मारे जाने तथा 20 से अधिक माओवादी गंभीर रूप से घायल होने की जानकारी प्राप्त हो रही है। जिन्हें तस्दीक किया जाकर बहुत जल्द उसका नाम विवरण सार्वजनिक किया जायेगा।

हमें अफसोस है कि 17 वीर जवानों को हमने खो दिये है लेकिन उनकी शहादत एवं वीरता पर बस्तर पुलिस परिवार अत्यंत ही गर्व है। शहीद के परिजनों को सभी प्रकार सहायता के लिए हमारे विभाग संकल्पित है। इस कठिन समय पर शहीद परिवार के सदस्यों के हम साथ-साथ है। घायल जवानों बेहतर ईलाज हेतु सभी प्रकार के प्रयास किये जा रहे है, एवं उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है।
झारखण्ड विधानसभा में प्रस्ताव पारित NPR और NRC को लागू न करने को लेकर
http://chhattisgarhdigest.in/?p=73
माओवादी समस्या के निदान हेतु बस्तर में सुरक्षाबल द्वारा की जा रहे प्रयास एवं सहयोग हेतु शासन, स्थानीय प्रशासन, भारतीय वायुसेना, चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मचारी, जनप्रतिनिधिगण, नागरिकगण एवं मीडिया के साथियों के सहयोग हेतु हम आभारी है। दिनांक 21 मार्च, 2020 को हुये अपूरणीय क्षति के बावजूद हमारे सुरक्षाबल के सदस्यों का मनोबल मजबूत है एवं बस्तर क्षेत्र के शांति व विकास हेतु कृत संकल्पित होकर कार्य करते रहेंगे।

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