ईवीएम-वीवीपैट मिलान वाली याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी पर्चियों का मिलान नहीं किया जा सकता है। इसी तरह सर्वोच्च अदालत ने ईवीएम के स्थान पर बैलेट पेपर से मतदान कराने की याचिका भी खारिज कर दी।
क्या कहा कोर्ट ने :-
सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि वीवीपैट का 4 करोड़ डाटा सही पाया गया है। यही तर्क आयोग के पक्ष में फैसला आने में मददगार रहा।
याचिका में ईवीएम के परिणाम और वीवीपैट के 100 फीसदी मिलान की बात कही गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 45 दिन तक ईवीएम-वीवीपैट का डाटा सुरक्षित रखा जाए। इस दौरान यदि कोई उम्मीदवार परिणाम पर सवाल उठाता है तो जांच की जाएगी। इसका खर्च उम्मीदवार वहन करे।
चुनाव आयोग ने पीठ के समक्ष कहा था कि ईवीएम और वीवीपैट में किसी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है। आयोग ने मशीनों की सुरक्षा, उन्हें सील करने और उनकी प्रोग्रामिग के बारे में भी शीर्ष कोर्ट को अवगत कराया था।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।