Tuesday, March 21, 2023

आर्मी में महिलाओं को बराबरी हक मामले में sc ने दिया केंद्र को दिया 1 माह का वक्त

नई दिल्ली : आर्मी में महिलाओं को बराबरी के हक का फैसला लागू होने में अभी और देरी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को एक महीने का वक्त दिया है। कोरोना की वजह से सरकार ने 6 महीने मांगे थे। केंद्र सरकार ने रक्षा मंत्रालय के जरिए कोर्ट में कहा कि फैसला लागू करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, सिर्फ औपचारिक आदेश जारी करना बाकी है।

17 साल की कानूनी लड़ाई के बाद इस साल फरवरी में थलसेना में महिलाओं को बराबरी का हक मिलने का रास्ता साफ हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि उन सभी महिला अफसरों को तीन महीने के अंदर आर्मी में स्थाई कमीशन दिया जाए, जो इस विकल्प को चुनना चाहती हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले आर्मी में 14 साल तक शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) में सेवा दे चुके पुरुषों को ही स्थाई कमीशन का विकल्प मिल रहा था, लेकिन महिलाओं को यह हक नहीं था। दूसरी ओर वायुसेना और नौसेना में महिला अफसरों को स्थाई कमीशन मिल रहा है।

अभी क्या स्थिति है?
महिलाएं शॉर्ट सर्विस कमीशन के दौरान आर्मी सर्विस कोर, ऑर्डिनेंस, एजुकेशन कोर, एडवोकेट जनरल, इंजीनियर, सिग्नल, इंटेलिजेंस और इलेक्ट्रिक-मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच में ही एंट्री पा सकती हैं। उन्हें कॉम्बैट सर्विसेस जैसे- इन्फैंट्री, आर्म्ड, तोपखाने और मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री में काम करने का मौका नहीं दिया जाता। हालांकि, मेडिकल कोर और नर्सिंग सर्विसेस में ये नियम लागू नहीं होते। इनमें महिलाओं को परमानेंट कमीशन मिलता है। वे लेफ्टिनेंट जनरल की पोस्ट तक भी पहुंची हैं।

Related Articles

Stay Connected

22,042FansLike
3,741FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles