जर्मनी ने कोरोना वायरस के संक्रमण रोकने के लिए नियम सख्त कर दिए हैं. नए नियम के मुताबिक जर्मनी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट, लंबी दूरी की ट्रेनों और दुकानों में सामान की खरीदारी करते वक्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट, है. ये नया कानून देश के सभी 16 राज्यों में लागू कर दिया गया है. मास्क ड्यूटी के नाम से बने नए कानून का उल्लंघन करने कर भारी भरकम जुर्माना भी लगाया जायेगा. जुर्माने की रकम 25 यूरो यानी 2 हजार रुपये से लेकर 10,000 यूरो यानी करीब 8 लाख 28 हजार रुपये तक हो सकती है.

जुर्माने की रकम इलाके और राज्य के आधार पर अलग-अलग तय की गयी है. जुर्माने की सबसे बड़ी रकम 8 लाख रुपये तक है. हालांकि कई राज्यों ने इतना बड़ा जुर्माना लगाने से मना कर दिया है. बर्लिन और ब्रैंडेनबर्ग की तरफ से कहा गया है कि वो लोगों को मास्क पहनने को प्रोत्साहित करेंगे लेकिन इतनी बड़ी रकम का जुर्माना नहीं लगाएंगे.
इन राज्यों की तरफ से कहा गया है कि वो चाहते हैं कि लोग एकदूसरे का सम्मान करते हुए मास्क पहनें. कुछ राज्यों की तरफ से कहा गया है कि वो लोगों को कुछ दिनों की छूट देंगे ताकि उन्हें मास्क पहनने की आदत पड़ जाए.
सबसे ज्यादा जुर्माना दुकानदारों से वसूला जाएगा, अगर उनके स्टाफ मास्क लगाए नहीं दिखते हैं. कुछ राज्यों में एक बार से ज्यादा मास्क नहीं पहने हुए पकड़े जाने पर जुर्माने की रकम बढ़ा दी जाएगी. हालांकि प्रशासन ने माना है कि मास्क कोई मेडिकली अप्रूव्ड नहीं हैं. मास्क की बजाए लोग अपने मुंह और नाक को स्कार्फ और कपड़े से भी बांध सकते हैं. इस बीच देश में बड़े पैमाने पर मास्क बनाया जा रहा है. लोग घरों में भी मास्क बनाने का काम करने लगे हैं. कुछ राज्यों में मास्क बनाने की होड़ ने इतनी तेजी पकड़ी है कि इसके लिए इलास्टिक जैसी चीजों की कमी पड़ गई है. कुछ राज्यों ने कहा है कि वो अपने लोगों को मास्क उपलब्ध करवाएंगे.
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