दुनिया सैनिटाइज़ कर रही है मोदी सरकार CAA प्रोटेस्ट की दीवारें पुतवा रही है, इतनी नफ़रत क्यों ?
कोरोना वायरस के चलते दुनिया भर में कोहराम मचा हुआ है। डॉक्टर की सलाह को मानते हुए लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी जा रही है जहां जरूरी है वहां सख्त कानून के जरिए लॉक डाउन किया जा रहा है, कर्फ्यू लगाया जा रहा है लेकिन इन सबके साथ ही मोदी सरकार कोरोना वायरस के इस प्रकोप को मौके के तौर पर देख रही है।
जहां दुनियाभर के देश अपने कर्मचारियों का इस्तेमाल सैनिटाइज़र के काम के लिए कर रहे हैं वही भारत सरकार तमाम कर्मचारियों के जरिए CAA विरोधी प्रोटेस्ट के लिए बनाई गई दीवारों को पुतवाने का काम कर रही है- वह भी मजदूर वर्ग के कर्मचारियों के जरिए- कोई भी सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना।
न हाथ में पहनने के लिए ग्लब्स हैं और न ही मुंह में लगाने के लिए मास्क।
सरकार की इस हरकत से पता चलता है कि उसकी लड़ाई की प्राथमिकता क्या है। वह महामारी के रूप में फैल रहे इस कोरोना वायरस से लड़ने के लिए गंभीर है या फिर विरोध में उठी आवाज़ को बल देने वाले संकेतों को मिटाने के लिए।
अब तो सरकार इस बात का भी दावा नहीं कर सकती है कि विरोध के नाम पर लोग भीड़ इकट्ठा कर रहे हैं क्योंकि अब धरना प्रदर्शन स्थलों पर लोग नहीं इकट्ठा हो रहे हैं । सांकेतिक प्रदर्शन के लिए अपने जूते चप्पल धरनास्थल पर ही उतारकर जा रहे हैं और घरों में रहकर सरकार की तमाम गाइड लाइंस को फॉलो कर रहे हैं।