बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में बिलासपुर पुलिस की साइबर सेल ने इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड हैक कर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडफोड़ किया है। पकड़े गए गैंग के सभी सदस्य नाबालिग हैं। ये लोग सोशल साइट से हैकिंग के नए-नए तरीके सीखते, फिर प्रॉक्सी सर्वर से आईपी एड्रेस बदलकर वारदात को अंजाम देते।
पुलिस ने आरोपियों के पास से 25 मोबाइल 2 लैपटॉप, एक आईपैड, 2 आईवॉच और फर्जी नामों से लिए सिम कार्ड बरामद किए हैं।
दरअसल, पुलिस को सूचना मिल रही थी कि कुछ लोग ऑनलाइन शॉपिंग साइट से महंगे-महंगे प्रोडक्ट खरीद कर उसे सस्ते दामों में लोगों को बेच रहे हैं। इस पर साइबर टीम ने जांच शुरू की। डिजीटल सर्वलांस से पुलिस के हत्थे तीन किशोर चढ़ गए। पूछताछ में पता चला कि इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड हैक कर उससे महंगे सामान खरीदते थे। आरोपी किशोरों ने हैंकिंग के नए-नए तरीके यूट्यूब, गूगल, डब्ल्यू थ्री स्कूल जैसी साइट से सीखे।
पूछताछ में पता चला कि सभी आरोपी बचपन से ही मोबाइल और कंप्यूटर के जानकार हैं। इसलिए इन्हें हैकिंग, सोशल साइट का उपयोग, क्रेडिट कार्ड से ठगी जैसी जानकारियां है। इंटरनेट के माध्यम से क्रेडिट कार्ड नंबर हासिल कर उसका इस्तेमाल शॉपिंग साइट से महंगे आइटम खरीदने में करते थे। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मंगाकर आपस में बांटते और बेच देते। अभी तक आरोपी 60 से 70 महंगे मोबाइल मंगा कर बेच चुके हैं।
पकड़े गए आरोपी किशोरों ने फेसबुक, इंस्टाग्राम सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॅार्म पर लड़कियों के नाम पर फर्जी आईडी बना रखी है। लक्ष्मी, श्रुति जैसे नामों से बनाए गए एकाउंट के जरिए लोगों से चैट और वीडियो कॉल कर झांसा देते। फिर कॉल रिकॉर्ड को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते थे। उनसे भी पैसे की वसूली की गई। आरोपियोंं ने जोमैटो से भी फूड ऑर्डर कर खाना नहीं मिलने की की बात कहकर पैसे ले लिए।