पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने मंगलवार को लालू यादव की पार्टी आरजेडी को एक और झटका दिया ह. राष्ट्रीय जनता दल के आठ में से पांच विधान परिषद सदस्यों ने जनता दल यूनाइटेड का दामन थाम लिया है. इस विलय के बाद जनता दल यूनाइटेड एक बार फिर सदन में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. जिन विधान परिषद सदस्यों ने नीतीश कुमार की पार्टी का दामन थामा है उनमें कमर आलम, संजय प्रसाद, राधा चरण सेठ, दिलीप राय, रणविजय सिंह शामिल हैं. इन सभी सदस्यों को तत्काल जनता दल यूनाइटेड के मुख्य सचेतक द्वारा सूचित किये जाने पर कि उन्हें पार्टी की सदस्यता दे दी गयी हैं इस विलय को अधिकारिक रूप दे दिया गया.
हालांकि इस विलय के बारे में फ़िलहाल आरजेडी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी हैं लेकिन माना जा रहा हैं कि अधिकांश लोग तेजस्वी यादव के व्यक्तिगत कार्यशैली से नाखुश होकर नीतीश कुमार के साथ गए हैं.
हालाँकि इन विधान पार्षदों में जैसे संजय प्रसाद के बारे में बताया जा रहा हैं कि वो मुंगेर से सांसद राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह के संपर्क में थे । वहीं राधा चरण सेठ अपने बालू के बिज़्नेस के कारण सता ख़ासकर मुख्य मंत्री नीतीश कुमार के पाले में जाने का इंतज़ार ही कर रहे थे । कमरे आलम पार्टी के काम काज में ना पूछे जाने से नाराज़ चल रहे थे । लेकिन माना जा रहा हैं कि आया राम गया राम कि शुरुआत हो गयी हैं । और ना केवल राजद के विधायक बल्कि कांग्रेस के भी कई विधायक जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो सकते हैं ।