HomeSocial Activity Social Activityख़बरछत्तीसगढ़ माकपा के तेवर तीखे, जन मांगों पर महापौर को ज्ञापन सौंपकर बजट में प्रावधान करने की मांग की, कहा : कांग्रेस को समर्थन, लेकिन समर्पण नहीं By admin July 15, 2020 12 8 माकपा के तेवर तीखे, जन मांगों पर महापौर को ज्ञापन सौंपकर बजट में प्रावधान करने की मांग की, कहा : कांग्रेस को समर्थन, लेकिन समर्पण नहीं कोरबा। कोरबा नगर निगम की आगामी समय मे होने वाली सामान्य सभा की बैठक और बजट प्रस्तावों के लिए माकपा ने अपने तीखे तेवरों का इज़हार कर दिया है। पार्टी ने कोरबा निगम क्षेत्र की आम जनता की समस्याओं पर केंद्रित 13 सूत्रीय मांगपत्र महापौर को थमा दिया है और इन जन मांगों की पूर्ति के लिए बजट में प्रावधान करने की मांग की है। इन मांगों में गरीबों पर बकाया सभी प्रकार के करों को माफ करने, लघु व मध्यम व्यापारियों से बकाया कर वसूली स्थगित करने, बेरोजगारों को रोजगार देने निगम क्षेत्र में अवसर बढ़ाने, ठेका सफाई कर्मियों को स्थायी करने, राजस्व और वन भूमि पर काबिज गरीबों को पट्टे देने, बांकी मोंगरा जोन के पिछड़ेपन को दूर करने स्टेडियम और गार्डन निर्माण और मुख्य मार्ग की मरम्मत करने, नल जल योजना और कुसमुंडा-कोरबा सड़क निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने की मांगें शामिल हैं। कोरोना संकट से उपजी बदहाली के मद्देनजर पार्टी ने आम जनता पर कोई भी नया कर न थोपने की भी मांग की है। माकपा प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के जिला सचिव प्रशांत झा, किसान नेता जवाहर कंवर सहित दोनों माकपा पार्षद — सुरती कुलदीप और राजकुमारी कंवर — भी शामिल थे। माकपा के इस जन मांगपत्र से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस के लिए निगम की सामान्य सभा में अपने बजट प्रस्तावों पर मुहर लगवाना आसान नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह आयोजित एमआईसी बैठक का माकपा ने बहिष्कार कर दिया था, जिसके कारण महापौर को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा था। माकपा का आरोप था कि यह बैठक बिना किसी एजेंडे और विधिवत सूचना के आहूत की गई थी। माकपा ने निगम को लोकतांत्रिक ढंग से चलाने और उसकी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता की भी मांग की थी। हालांकि पार्षदों की कम संख्या होने के बावजूद कांग्रेस निगम में सरकार बना पाई है, तो उसका श्रेय माकपा के सिद्धान्तनिष्ठ रूख को ही जाता है, जिसने शुरू से ही यह स्पष्ट कर दिया था कि उसका समर्थन भाजपा को किसी हालत में मिलने नहीं जा रहा। चूंकि माकपा के समर्थन के बिना न कांग्रेस सरकार बना सकती थी और न भाजपा; माकपा के इस रूख के कारण अन्य पार्टियों के और निर्दलीय पार्षदों को भी कांग्रेस के पक्ष में आना पड़ा था। लेकिन प्रदेश के इतिहास में पहली बार माकपा का समर्थन पाने के लिए कांग्रेस को प्रेस वार्ता के जरिये सार्वजनिक रूप से माकपा के जन मांग पत्र को ध्यान में रखकर सकारात्मक काम करने का आश्वासन देने पड़ा था। तभी से यह स्पष्ट हो गया था कि कांग्रेस के लिए अपने तौर-तरीकों से निगम सरकार चलाना आसान नहीं होगा। माकपा सचिव प्रशांत झा ने पार्टी के मांगपत्र पर महापौर द्वारा निगम की आर्थिक क्षमता के भीतर सकारात्मक आश्वासन मिलने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि निगम के बजट प्रस्तावों से ही सामान्य सभा में माकपा के रूख का फैसला होगा। लेकिन हमने शुरू से ही स्पष्ट कर दिया है कि आम जनता की मांगों को हल करने के लिए सड़क की लड़ाई को तेज किया जाएगा। यदि बजट में आम जनता की समस्याओं को केंद्र में नहीं रखा जाता, तो हमारे पार्षद विपक्ष की भूमिका निभाने में भी नहीं हिचकेंगे। झा ने जोर देकर फिर यह कहा है कि हमने कांग्रेस को समर्थन दिया है, उसके समक्ष समर्पण नहीं किया है। माकपा नेता ने कहा कि कोरोना संकट के मद्देनजर आम जनता को राहत देने की जरूरत है। कांग्रेस के उच्च नेतृत्व का भी यही मानना है। यदि कोरबा में कांग्रेस अपने नेतृत्व की ही सलाह पर अमल करना चाहती है, तो भी उसे हमारे जन मांगपत्र पर गौर करना होगा। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को निगम सरकार बनाते समय आम जनता से किये गए सार्वजनिक वादे की भी याद दिलाई है। माकपा द्वारा महापौर को सौंपा गया ज्ञापन इस प्रकार है : प्रति, महापौर नगर पालिक निगम, कोरबा, छत्तीसगढ़ विषय– निगम के आगामी बजट में आम जनता की समस्याओं के निवारण हेतु उठाये जाने वाले कदमों को शामिल करने हेतु मांग पत्र एवं सुझाव। महोदय, नगर निगम चुनाव के बाद और कोरोना महामारी से पैदा हुए संकट के दौर में निगम की सामान्य सभा आगामी दिनों में होगी। इस सभा मे निगम का बजट भी पेश किया जाएगा और आम जनता को आशा है कि यह बजट न केवल कोरोना के कारण उपजे आर्थिक संकट के दौर में उनको राहत प्रदान करेगा, बल्कि वर्षों से लंबित उनकी जायज समस्याओं को भी हल करने की दिशा में कदम बढ़ाएगा। आप जानते हैं कि कोरोना संकट से जिस तरह अविचारपूर्ण तरीके से केंद्र सरकार ने निपटने की कोशिश की है, उसके कारण देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है और इसका सबसे ज्यादा असर रोज कमाने-खाने वाले तबकों और ग्रामीण जनता पर पड़ा है। इन गरीब तबकों की आय में भयानक गिरावट आई है और रोजमर्रा की जिंदगी चलाना उनके लिए मुश्किल हो गया है। इस स्थिति से प्रदेश और कोरबा नगर निगम क्षेत्र की जनता भी जूझ रही है। केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ कांग्रेस का नेतृत्व लगातार गरीबों के पक्ष में राहत के कदम उठाने की मांग कर रहा है। इस दिशा में राज्य सरकार ने भी कुछ कदम उठाए है। अतः निश्चित रूप से कोरबा निगम क्षेत्र की आम जनता यह आशा कर रही है कि निगम क्षेत्र की कांग्रेस सरकार उसकी दुश्वारियों को कम करने के लिए निगम के आगामी बजट में प्रावधान करेगी। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी पूरे देश में संकट के इस दौर में आम जनता को आर्थिक राहत देने के लिए एक वैकल्पिक नीतियों और मांगों के साथ देशव्यापी अभियान-आंदोलन चला रही है। कोरबा नगर निगम में माकपा के दो पार्षद है। एक पार्षद एमआईसी की सदस्य भी है। निगम सरकार के गठन के समय हमारा समर्थन लेते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने हमें यह आश्वस्त किया था कि आम जनता के पक्ष में उठायी जाने वाली मांगों पर सकारात्मक ढंग से विचार किया जाएगा और इन समस्याओं को दूर करने के लिए पहलकदमी की जाएगी। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से आने वाले बजट के बारे में हमारा सुझाव है कि किसानों, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों, शहरी मजदूरों और लघु व्यवसायियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए बजट में प्रावधान किए जाएंगे तथा बांकी मोंगरा जोन, जो नगर निगम का सबसे पिछड़ा और उपेक्षित जोन है, के सर्वांगीण विकास की ओर बढ़ने के लिए विशेष बजटीय आबंटन किये जायेंगे। अतः मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी निगम क्षेत्र की आम जनता की समस्याओं को केंद्र में रखकर आगामी बजट में निम्न मांगों को बजट में शामिल करने, इसके लिए बजट आबंटित करने और उन्हें राहत देने के उपायों की घोषणा करने की मांग करती है : आम जनता को आर्थिक राहत प्रदान करने के लिए : (1) निगम क्षेत्र में आने वाले शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के झुग्गी बस्तियों में सभी प्रकार के संपत्ति कर, समेकित कर, जल कर, सफाई कर सहित सभी प्रकार के बकाया करों को माफ किया जाए। भविष्य में उन्हें इस प्रकार के सभी करों के बोझ से मुक्त किया जाए। (2) कोरोना संकट के कारण हुए लॉकडाउन में लघु व्यापारियों की दुकानें बंद रही हैं और उनकी आर्थिक स्थिति पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। ऐसी स्थिति में लघु व्यापारियों को आगामी एक वर्ष तक निगम द्वारा सभी प्रकार के बकाया कर वसूली पर रोक लगाई जाये और इस वित्तीय वर्ष में करों के बोझ से उन्हें मुक्त रखा जाए। बांकी मोंगरा जोन के पिछड़ेपन को दूर करने की दिशा में : (3) बांकी मोंगरा मेन मार्केट सड़क का जीर्णोद्धार किया जाए। (4) खेल को बढ़ावा देने के लिए बांकी मोंगरा क्षेत्र में स्टेडियम का निर्माण किया जाए और खेलों के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराया जाए। (5) बांकी मोंगरा क्षेत्र में सर्वसुविधायुक्त गार्डन का निर्माण किया जाए। निगम क्षेत्र में रोजगार प्रदान करने हेतु : (6) बेरोजगारों को स्वरोजगार योजना के तहत रोजगार प्रदान करने के लिए बजट में प्रावधान हो। (7) महिलाओं को स्वसहायता समूह के माध्यम से रोजगार प्रदान करने के लिए बजट में प्रावधान हो। (8) निगम क्षेत्र अंतर्गत कृषि अर्थव्यवस्था पर आधारित गांवों और क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने हेतु बजट में प्रावधान किया जाए। (9) ठेका सफाई कर्मचारियों को निगम के स्थाई कर्मचारियों के रूप में नियुक्त किया जाए, ताकि निगम के हर वार्ड में नियमित सफाई की प्रत्यक्ष व्यवस्था हो सके। निगम के सर्वांगीण विकास हेतु : (10) कुसमुंडा से कोरबा तक सड़क का जीर्णोद्धार जल्द किया जाए। (11) निगम के ग्रामीण इलाकों सहित पूरे क्षेत्र में नल जल योजना के कार्य को जल्द पूरा किया जाए। (12) निगम क्षेत्र में राजस्व भूमि पर काबिज गरीब परिवारों को आवासीय पट्टा दिया जाए। वन भूमि पर काबिज परिवारों को वनाधिकार कानून के तहत कृषि और आवास के पट्टे दिए जाएं। (13) लावारिस मवेशियों के कारण खेती-किसानी को रहे नुकसान और शहर क्षेत्र में हो रही दुर्घटनाओं से बचाने के लिए प्रभावी व्यवस्था की जाए। आशा है, जनहित को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त्त मांगों को पूरा करने के लिए इसके लिए आवश्यक बजट प्रावधान किए जाएंगे। धन्यवाद सहित, भवदीय प्रशांत झा, जिला सचिव, माकपा, कोरबा, छत्तीसगढ़ Tagsकहा : कांग्रेस को समर्थनजन मांगों पर महापौर को ज्ञापन सौंपकर बजट में प्रावधान करने की मांग कीमाकपा के तेवर तीखेलेकिन समर्पण नहीं Share 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