Tuesday, April 30, 2024

यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों की पीड़ा ,टीएस सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र

रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पढ़ाई अधूरी छोड़कर देश वापस लौटे विद्यार्थियों का भविष्य अधर में है। इसे लेकर मेडिकल के इन छात्रों ने पिछले सप्ताह रायपुर में प्रदर्शन भी किया था। इन बच्चों की पढ़ाई पूरी हो सके, इसके लिए अब छत्तीसगढ़ सरकार ने कदम उठाया है। प्रदेश के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखा है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से यूक्रेन से वापस आए मेडिकल छात्रों की पढ़ाई पूरी कराने का अनुरोध किया है।स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने पत्र में लिखा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न हुई गंभीर परिस्थितियों के कारण वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय मूल के सभी छात्र-छात्राओं को भारत सरकार द्वारा वापस सकुशल लाया गया है। बड़ी संख्या में देश वापस आए छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों के इन स्टूडेंट्स के भविष्य और आगे की शिक्षा को लेकर मैंने पहले भी पत्र के माध्यम से तत्काल समुचित पहल का आग्रह किया है।स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया से अनुरोध किया है कि प्रभावित विद्यार्थियों की अध्ययनरत समयावधि को आधार मानकर देश के मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त सीटें आवंटित कर उन्हें समायोजित किया जाए। ऐसा होगा तभी इन छात्र-छात्राओं का भविष्य सुरक्षित एवं सुनिश्चित हो सके‌गा। इससे देश में डॉक्टरों की कमी भी दूर होगी।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने लिखा कि इससे मेडिकल सेवाओं का लाभ आम लोगों को मिल सकेगा। टीएस सिंहदेव ने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार भी इन छात्र-छात्राओं के भविष्य को लेकर समुचित कार्ययोजना के अंतिम चरण में होगी‌। उन्होंने इस संवेदनशील विषय पर केंद्र से शीघ्र नीतिगत निर्णय लेने का आग्रह किया है।स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ यूक्रेन मेडिकल पैरेन्ट्स एंड स्टूडेंट एसोसिएशन का मांगपत्र भी अपने पत्र के साथ भेजा है। इसमें यूक्रेन से लौटे छात्र-छात्राओं और उनके पालकों ने भविष्य को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के 207 विद्यार्थी यूक्रेन से वापस घर लौटे हैं।सस्ती मेडिकल शिक्षा और आसान प्रवेश प्रक्रिया की वजह से हर साल सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी यूक्रेन में पढ़ाई करने जाते हैं। इस साल फरवरी महीने में रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ, तो पढ़ाई पर संकट आ गया। वहां के शिक्षण संस्थानों ने पहले तो युद्ध नहीं होने का भरोसा दिलाया, लेकिन जब शहरों में भी बमबारी होने लगी, तो विद्यार्थियों ने अपने देश वापस लौटने की गुहार लगाई। भारत सरकार ने अपने यहां के छात्रों को वापस लाने के लिए कदम उठाए और विमानों को भेजा गया।कई देशों और दूतावासों की मदद से विद्यार्थियों को वहां से वापस लाया जा सका। उस समय इन्हें उम्मीद थी कि जंग जल्दी ही खत्म होगी और वे अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए वापस लौट आएंगे। लेकिन अगस्त में भी जंग खत्म होने के आसार नहीं दिखे, तो विद्यार्थियों और उनके पालक परेशान हो उठे हैं। अब उन्होंने भारत सरकार से पढ़ाई पूरी करवाने की अपील की है।

Related Articles

Stay Connected

22,042FansLike
3,909FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles