Saturday, July 27, 2024

CBSE Board Exams 2020 : 12वीं की बचीं हुई बोर्ड परीक्षा रद्द, ICSE बोर्ड परीक्षाओं पर महाराष्ट्र सरकार ने नहीं दी इजाजत

नई दिल्ली : सीबीएसई ने बची हुई बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है. बोर्ड ने 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच होने वाली 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी हैं. सुप्रीम कोर्ट में बोर्ड की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ये बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि जिन विषयों की परीक्षा नहीं हुई है उसके लिए योजना तैयार की गई है.

CBSE Pending Board Exams 2020 : रद्द कर दिए गए हैं. (सांकेतिक चित्र)

सुप्रीम कोर्ट ने ICSE द्वारा आयोजित परीक्षा भी रद्द करने का आदेश दिया. ICSE ने सुप्रीम कोर्ट को कहा कि हम परीक्षा रद्द करने के लिए  सहमत हैं. महाराष्ट्र राज्य ने बॉम्बे HC को बताया है कि वे परीक्षा आयोजित नहीं कर सकते. इसलिए अब ICSE बोर्ड की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई है. इसमें आंतरिक मूल्यांकन प्रणाली का पालन होगा. हालांकि ICSE ने बाद में परीक्षा देने का विकल्प नहीं रखा है. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को आदेश पारित करना चाहिए कि इस मामले के बारे में मामला SC में आना चाहिए न कि हाईकोर्ट में.

दरअसल, कोरोनावायरस महामारी के चलते मार्च में सीबीएसई  (CBSE) और ICSE समेत कई स्टेट बोर्ड के भी कुछ पेपर बाकी रह गए थे. कुछ स्टेट बोर्ड ने बिना परीक्षा के ही बच्चों को पास कर दिया, जबकि सीबीएसई ने जुलाई में बचे हुए पेपर कराने का फैसला किया. सीबीएसई ने बचे हुए पेपर 1 से 15 जुलाई के बीच कराने के लिए कहा था. 

सीबीएसई के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई और एग्जाम रद्द कराने की मांग की गई. पैरेंट्स की इस याचिका में कहा गया था कि कोरोनावायरस का खतरा हर तरफ बढ़ रहा है, ऐसे में एग्जाम होने पर बच्चों की सुरक्षा खतरे में है. बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए सीबीएसई (CBSE Board) के फैसले को रद्द किया जाए. 

इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई से जवाब मांगा था. इसके बाद 23 जून को मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सीबीएसई की तरफ से कहा गया कि बचे हुए पेपर रद्द करने के मामले में चर्चा अंतिम चरण में है और जल्द ही बोर्ड इस पर फैसला लेगा. केंद्र सरकार और सीबीएसई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में 23 जून को कहा था, ”निर्णय लेने की प्रक्रिया एडवांस स्टेज में है और गुरुवार तक यह पूरी हो जाएगी.” सरकार और बोर्ड की इस दलील के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई गुरुवार यानी 25 जून तक टाल दी थी. 

पैरेंट्स के अलावा दिल्ली सरकार ने भी परीक्षा रद्द कराने की मांग की थी. दिल्ली के डिप्टी मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने HRD मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को पत्र लिखकर कहा था कि कोरोनावायरस से पैदा हुए मौजूदा हालातों में परीक्षा कराना बहुत मुश्किल है, ऐसे में इंटरनल असेसमेंट के जरिए बच्चों के रिजल्ट जारी कर दिए जाएं और बची हुई परीक्षाएं रद्द कर दी जाएं. 

ICSE बोर्ड परीक्षाओं पर महाराष्ट्र सरकार ने नहीं दी इजाजत

वहीं, दूसरी ओर ICSE की बची हुई बोर्ड परीक्षाओं का मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में चल रहा है. बुधवार को इस मसले पर महाराष्ट्र सरकार ने हाई कोर्ट में बताया कि कोरोनावायरस की स्थिति के मद्देनजर जुलाई में 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं कराने की परमिशन नहीं दी जा सकती है. सरकार ने कोर्ट को बताया कि कोरोनावायरस से पनपे हालातों के मद्देनजर राज्य सरकार ICSE बोर्ड को 2 जुलाई से परीक्षाएं आयोजित करने के लिए अनुमति नहीं दे सकती है. 

इससे पहले ICSE ने बॉम्बे हाई कोर्ट के सामने अपना प्रस्ताव रखा था कि 10वीं और 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स अगर चाहें तो परीक्षाओं को छोड़ सकते हैं. परीक्षा न देने का विकल्प चुनने वाले स्टूडेंट्स का रिजल्ट प्री- बोर्ड एग्जाम की परफॉर्मेंस या इंटरनल असेसमेंट के आधार पर जारी किया जाएगा. ICSE बोर्ड की परीक्षाएं 1 से 14 जुलाई के बीच कराने का फैसला किया गया है.

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