Saturday, July 27, 2024

UP से छत्तीसगढ़ लौट रहे साइकिल पर सवार श्रमिक परिवार को अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर, माता-पिता की मौत, दो बच्चे हुए अनाथ

छत्तीसगढ़ : बेमेतरा/नवागढ़. पलायन की पीड़ा झेल रहे छत्तीसगढ़ के मजदूरों की रोज एक दर्द भरी कहानी सामने आ रही है। नवागढ़ ब्लाक के ग्राम रनबोड निवासी कृष्ण साहू (45) अपनी पत्नी प्रमिला व दो बच्चों के साथ गुरुवार की रात साइकिल में सामान लादकर लखनऊ से नवागढ़ के निकट ग्राम रनबोड़ के लिए निकले। लखनऊ शहर पार नहीं कर पाए थे कि अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। इस घटना में पति-पत्नी की मौत हो गई। दोनों बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए।अंतिम संस्कार मृतक के भाई रामकुमार ने किया।

जब दोनों बच्चों का हाल जानने रामकुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि यूपी सरकार से कोई मदद नहीं मिली। हमने घटना के बाद तत्काल सहयोग के लिए कहा। जब घायलों को रिक्शा में डालकर ले जाने लगे तो एम्बुलेंस आया। बच्चों को अस्पताल में छोड़कर चले गए। हमारे पास इलाज के लिए, खाने के लिए, जाने के लिए कुछ नहीं बचा। सरकार से छत्तीसगढ़ भेजने की मांग किए, कोई नही सुना।

सहयोग के साथ दिया एक माह का राशनरामकुमार ने कहा कि हमें सपा नेता वकील प्रमोद सिंह यादव का सहयोग मिला। वे अपने वाहन से बच्चों को अस्पताल लाए, वे पूरा खर्च उठाने व न्याय दिलाने का भरोसा दिए। यही नहीं हमें एक माह का राशन देकर पूरा सहयोग दे रहे हैं। शनिवार को पूरा दिन अस्पताल में रहे।

दोनों बच्चों को संभाल रहे रामकुमार साहू ने कहा कि बच्चे मां-बाप की तलाश में रोना बंद नहीं कर रहे हैं। यहां मदद के नाम पर बयानबाजी अधिक हो रही है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का आदेश है । सपा नेता वकील प्रमोद सिंह यादव ने कहा कि इस घटना के बाद हमने बच्चों को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया है।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हमें निर्देश दिया है कि छत्तीसगढ़ के मजदूरों का यूपी से पुराना नाता है, जो यहां हैं वे हमारे साथी हैं। परिवार के सदस्य हैं। उन्हें कोई पीड़ा नहीं होना चाहिए। लॅाकडाउन के कारण कोई परिवार संकट में न आए व अस्पताल में बच्चों का बेहतर उपचार स्थानीय जानकर लोगों की उपस्थिति में हो। इस निर्देश का पालन किया जा रहा है। यादव ने बताया कि लड़की के पैर में चोट है व लड़के के सिर में चोट है। अभी कुछ दिन डॉक्टरों की निगरानी में रखना होगा। प्रभावित परिवार को खाने-पीने में कोई दिक्कत न हो इसके मद्देनजर इन्हें एक माह का राशन दे रहे हैं। इनको न्याय मिले, इसे ध्यान में रखते हुए हम कोर्ट में इनकी पैरवी करेंगे।

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